Friday, November 8, 2024
31.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiपानी की कमी से प्रभावित हो रहीं पनबिजली परियोजनाएं

पानी की कमी से प्रभावित हो रहीं पनबिजली परियोजनाएं

Google News
Google News

- Advertisement -

इन दिनों पूरा उत्तर भारत शीत लहरी की चपेट में है। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड आदि में कई दिनों से बर्फबारी हो रही है। इसकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में ग्लेशियरों का पिघलना बंद हो गया है। उत्तर भारत की नदियों में आने वाला ज्यादातर पानी ग्लेशियरों के पिघलने से आता है। इन दिनों जब ग्लेशियरों का पिघलना बंद हो गया है, उन पर नई बर्फ की परत चढ़ रही है, तो स्वाभाविक है कि नदियों का जलप्रवाह काफी कम हो गया है।

 इसका प्रभाव गंगा और यमुना जैसी नदियों के जल प्रवाह पर पड़ने लगा है। नतीजा यह हो रहा है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को हथिनी कुंड बैराज से मिलने वाला पानी काफी कम हो गया है। अगर कहा जाए कि यमुना नदी का जल प्रवाह ठहर सा गया है, तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। पश्चिमी और पूर्वी यमुना नहर में जरूरत की अपेक्षा काफी कम पानी छोड़ना पड़ रहा है। पानी का प्रवाह कम होने से हथिनी कुंड बैराज के सहारे चलने वाली पनबिजली परियोजनाएं काफी प्रभावित हो रही हैं। इन्हें पर्याप्त पानी मुहैया नहीं हो रहा है।

रविवार को ही यमुना नदी का बहाव केवल 3107 क्यूसेक रह गया। नतीजा यह हुआ कि पश्चिमी यमुना नहर में 1700 क्यूसेक पानी ही छोड़ा पड़ा। जबकि पश्चिमी यमुना नहर में तीन हजार क्यूसेक से अधिक पानी की जरूरत पड़ती है। उत्तर प्रदेश में सिंचाई और बिजली परियोजनाओं के लिए पूर्वी यमुना नहर से डेढ़ हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है, लेकिन रविवार को केवल पांच सौ क्यूसेक पानी ही छोड़ा जा सका क्योंकि यमुना नदी में पर्याप्त पानी ही नहीं था।

ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ बर्फबारी के दौरान ही नदी में पानी का प्रवाह कम हुआ है। यह स्थिति तो पिछले अक्टूबर से ही बनी हुई है। पानी की कमी की वजह से पश्चिमी यमुना नहर पर बने हाईडिल बिजली इकाइयों में बिजली का उत्पादन भी अपेक्षा के मुताबिक नहीं हो पा रहा है। बिजली उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत तक कमी आ गई है जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में बिजली की सप्लाई बाधित हो रही है।

पश्चिमी यमुना नहर पर चार पनबिजली परियोजनाएं संचालित हैं। इनको पर्याप्त पानी नहीं मिलने से बिजली उत्पादन कम हो रहा है। कुछ पनबिजली परियोजनाएं अपनी कुल क्षमता का केवल 30 प्रतिशत ही उत्पादन कर पा रही हैं। नदियों में पानी की कमी के चलते पर्यटन स्थलों पर वाटर बोटिंग और वाटर बाइकिंग जैसे स्पोर्ट्स नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते विभिन्न पर्यटन स्थलों को रोमांच की तलाश में पहुंचने वाले पर्यटकों को आनंद नहीं मिल रहा है। इससे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि प्रदेशों में सिंचाई भी प्रभावित हो रही है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो दिल्ली को रही है क्योंकि यमुना नदी से मिलने वाले पानी से यहां के लोगों की प्यास बुझती है।

-संजय मग्गू

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

सलमान खान को फिर से मिली धमकी: ‘1 महीने में मार देंगे’, लॉरेंस गैंग ने भेजा अल्टीमेटम

बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के लिए एक बार फिर से एक नई मुसीबत आ गई है।रिपोर्ट्स के अनुसार, सलमान को एक बार फिर...

फरीदाबाद में निजी अस्पताल को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

फरीदाबाद पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी प्रेमिका को प्रभावित करने के लिए चार दिन पहले एक निजी अस्पताल को...

बोधिवृक्ष

धन-संपत्ति से नहीं मिलता सच्चा सुखअशोक मिश्रहमारे देश में प्राचीन काल से ही धन-संपत्ति को हाथ की मैल माना जाता था। मतलब यह कि...

Recent Comments