Friday, November 22, 2024
18.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiईरान-पाकिस्तान संघर्ष और भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताएं

ईरान-पाकिस्तान संघर्ष और भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताएं

Google News
Google News

- Advertisement -

पाकिस्तान द्वारा सुन्नी आतंकवादी समूह जैश-अल-अद्ल को रोकने में विफल रहने पर ईरान ने पिछले सप्ताह की शुरुआत में ईरान-पाकिस्तान बॉर्डर पर हवाई हमले किये। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान की धरती से ईरान विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। इसके जवाब में पाकिस्तानी वायु सेना ने भी ईरानी क्षेत्र के अंदर कथित बलूच अलगाववादी शिविरों पर जवाबी हमला किया है। इस्लामाबाद का दावा है कि आपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए। एक बात तो स्पष्ट है कि वर्तमान में पश्चिम एशिया में दो युद्ध क्षेत्र बनता जा रहा है, जिससे समूचे क्षेत्र में शांति के लिए खतरा बनेगा। यदि इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह एक बड़े संघर्ष में बदल सकता है।

युद्ध का पहला क्षेत्र गाजा है जहाँ पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के कारण इजराइल और हमास के बीच युद्ध चल रहा है। वहीं दूसरे क्षेत्र के रूप में ईरान- पाकिस्तान के बीच शुरू हुआ यह संघर्ष। यहाँ दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आतंकवादियों को रोकने में विफलता के लिए दोषी ठहरा रहे हंै। प्रश्न उठता है कि क्या इसके बाद दोनों देशों के बीच टकराव खत्म हो जायेगा या यह एक बड़ी टकराव का रूप लेने वाला है? क्या पाकिस्तान ने जवाबी करवाई करके ईरान को और मजबूत बना दिया है? अमेरिका और ईरान के बीच लम्बे संघर्ष के बावजूद अमेरिका ने कभी ईरान के सीमा के भीतर हमला किया हो ऐसा नहीं जान पड़ता है।

इतना ही नहीं, इजराइल और ईरान कट्टर दुश्मन होने पर भी कभी एक दूसरे की सीमा के अंदर आने जोखिम नहीं उठाई। मगर पाकिस्तान ने यह जोखिम उठाया है। अब सवाल है कि इसके जवाब में ईरान का अगला क्या कदम हो सकता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि ईरान भारी दबाव में है क्योंकि अमेरिका और इजराइल दोनों हमास के हमलों में उसकी भूमिका और फिलिस्तीनी संगठन के सक्रिय समर्थन के लिए पश्चिन एशियाई राष्ट्र पर हमला करने के लिए तैयार है। यमन के हूती समूह और लेबनान के हिजबुल्ला के समर्थन देने के कारण अमेरिका ईरान से नाराज है। वही इजराइल ने भी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर हिजबुल्ला को ईरान बाहरी समर्थन देता रहा तो वह युद्ध को लेबनान तक ले जाने में संकोच नहीं करेगा।

पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ईरानी एयरस्ट्राइक किए जाने के मामले पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए इसे आत्मरक्षा के लिए करवाई बताया है। नई दिल्ली ने कहा कि ये ईरान और पाकिस्तान के बीच का मामला है जहाँ तक भारत का सवाल है, आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टोलरेंस की स्थिति है। हम उन कारवाइयों को समझते हंै जो देश अपनी आत्मरक्षा में करते है। जाहिर है कि भारत हमेशा से आतंकवाद और खासकर पाकिस्तान की धरती से चलने वाले आतंकवाद को लेकर हमेशा से वैश्विक स्तर पर ध्यान खीचता आया है। आतंकवादियों के मंसूबों पर करवाई भी करता आया है।

हालाँकि तेहरान और इस्लामाबाद के बीच संबंधों का इतिहास पुराना है। ईरान के शाह ने वर्ष 1950 में पाकिस्तान का दौरा किया था और पाकिस्तान को मान्यता देने वाला पहला देश होने का गौरव हासिल किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए दो युद्धों में ईरान में पाकिस्तान का साथ दिया था। वर्ष 1965 के युद्ध में पाकिस्तानी वायुसेना के रक्षा में ईरान मजबूती के साथ खड़ा रहा। वहीं वर्ष 1971 के युद्ध में भी ईरान ने पाकिस्तान का साथ दिया था।

बात अगर भारत की जाए तो ईरान के साथ रिश्तों में सुधार वर्ष 1970 के बाद आना शुरू हुआ जब भारत में ईरान से बड़ी मात्रा में तेल खरीदना शुरू किया। आज समय ऐसा है जब भारत और ईरान पाकिस्तान द्वारा पोषित सुन्नी कट्टरपंथी समूह से संघर्ष कर रहे हंै। वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री मोदी के ईरान दौरे से दोनों देशों के बीच जिस ह्यदोस्ती की मिसाल दी गई उसको ईरान ने एक साल बाद ही कश्मीर पर भारत के खिलाफ दिए बयान से सब खत्म हो गया।
(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

-शगुन चतुर्वेदी

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

इंडिया गेट पर तौलिया लपेटकर डांस करने वाली लड़की का वीडियो वायरल, लोगों ने की कार्रवाई की मांग

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक लड़की इंडिया गेट के सामने तौलिया लपेटकर डांस करती नजर आ रही है।...

kashmir winter:कश्मीर के कई क्षेत्रों में लगातार तीसरी रात तापमान शून्य से नीचे दर्ज

श्रीनगर (kashmir winter:)में बृहस्पतिवार को इस मौसम की अब तक की सबसे ठंडी रात रही, और कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में तापमान शून्य से...

court pollution:उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर सवाल उठाए

उच्चतम न्यायालय(court pollution:) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए ट्रकों के प्रवेश पर सवाल उठाए।...

Recent Comments