ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी (छह जून) से कुछ दिन पहले कनाडा के ब्रैंपटन शहर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की झांकी निकालना बड़े दुस्साहस का सूचक है। कनाड़ा की इस घटना पर भारत के विदेश मंत्री का कठोर बयान यह बताने के लिए काफी है कि भारत विदेश की खालिस्तान समर्थकों की घटनाओं को लेकर कितना गंभीर है। आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर पंजाब का शांत रहना प्रदेश और केंद्र सरकार की सख्ती का नतीजा रहा कि हरमिंदर साहिब के अंदर ही कुछ खालिस्तान समर्थक नारेबाजी ही कर पाए। आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर खालिस्तान समर्थक यदा-कदा छोटे-छोटे कार्यक्रम करते रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से सिख युवाओं में भिंडरावाले की तस्वीर छपी शर्ट पहनने का चलन बढ़ा था। किंतु पंजाब में अतिवादी अमृतपाल और उसके साथियों के विरुद्ध हुई कठोर कार्रवाई से कुछ अतिवादियों के मंसूबों को धक्का लगा। पंजाब में आप सरकार के आने से राजनयिक मान रहे थे कि पंजाब में खालिस्तान समर्थकों की घटनाएं बढ़ेंगी। घटनाएं बढ़ीं भी, किंतु अमृतपाल प्रकरण में प्रदेश और केंद्र के कठोर रुख के कारण खालिस्तान समर्थकों के अरमानों पर पानी फिर गया। यदि अतिवादी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई न होती तो इस बार पंजाब में आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर कुछ ज्यादा ही खुरफात होती। अतिवादी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई का नतीजा है कि इस बार प्रदर्शन गुरुद्वारा हरमिंदर साहब तक ही सीमित रहे।
आॅपरेशन ब्लू स्टार की 39वीं वर्षगांठ पर अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल में भारी संख्या में कट्टरपंथी शामिल हुए। ये कट्टरपंथी हाथों में जनरैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लिए खालिस्तानी नारे लगाते भी दिखे। इसका एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें पंजाबी में खालिस्तानी समर्थक नारेबाजी होती नजर आ रही है।
सिख कट्टरपंथी समूह दल खालसा ने वर्षगांठ मनाने और खालिस्तान के समर्थन में शहर में एक रैली का आयोजन किया। अमृतसर बंद का आह्वान करने वाले कट्टरपंथी संगठन के साथ पंजाब भर में कड़ी सुरक्षा देखी गई है। स्वर्ण मंदिर के अलावा कहीं कोई असर नहीं दिखाई दिया। जनजीवन सामान्य रहा। इधर अकाल तख्त ने एसजीपीसी को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आॅपरेशन ब्लूस्टार की वर्षगांठ के दौरान स्वर्ण मंदिर की पवित्रता भंग न हो।
इस प्रदर्शन के बाद पंजाब पुलिस ने खालिस्तानी समर्थकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आपरेशन ब्लू स्टार की बरसी पर श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में श्री अकाल तख्त साहिब के पास देश-विरोधी और देश को तोड़ने के नारे लगाने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके साथियों की तलाश की जा रही है। कोतवाली थाने की पुलिस ने गुरदासपुर के थाना सदर के अधीन पड़ते गांव जौर निवासी मंजीत सिंह उर्फ बाबा और लुधियाना जिला स्थित विर्क गांव निवासी सौधागर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
भारत से बाहर कनाडा के ब्रैंपटन शहर में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या झांकी निकाली गई। बताया जाता है कि इसमें इंदिरा गांधी को खून से सनी साड़ी पहने दिखाया गया था। दो सिख इंदिरा गांधी के पुतले पर फायर करते दिखाए गए थे। यह भी बताया गया कि इस झांकी में शामिल लोग खालिस्तानी झंडे लिए थे। वे खालिस्तान के समर्थन में पंजाबी में नारे लगा रहे थे। जश्न मना रहे थे।
कनाडा के ब्रैंपटन शहर में निकाली गई इस झांकी पर कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा और जयराम रमेश ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि मैं एक भारतीय होने के नाते कनाडा में निकाली गयी झांकी देखकर दंग हूं। ये इस तरफ या उस तरफ का पक्ष लेने की बात नहीं है। ये एक देश के इतिहास और उसके प्रधानमंत्री की हत्या से हुए दर्द के प्रति सम्मान का भाव रखने की बात है। इसके लिए एकजुट प्रतिक्रिया और सार्वभौमिक निंदा की जानी चाहिए।
मिलिंद देवड़ा की बात पर सहमति जताते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह निंदनीय है और जयशंकर को इस मामले में कनाडा की सरकार से विरोध दर्ज कराना चाहिए। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कनाडा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाए जाने पर कड़ी टिप्पणी की है। एस. जयशंकर ने कहा कि मुझे लगता है कि ये घटना एक बड़ी समस्या से जुड़ी है। कनाडा लगातार अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा का समर्थन करने वालों को (फलने-फूलने का) मौका दे रहा है। हमें इसकी वजह समझ नहीं आती। सिवाय इसके कि ये वोट बैंक की जरूरत है। मुझे लगता है कि ये आपसी रिश्तों और कनाडा के लिए ठीक नहीं है।
हालाकि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त ने इस मामले की निंदा करते हुए कहा कि कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है। कनाडा के उच्चायुक्त कैमरन मैके ने अपने ट्वीटर अकांउट में लिखा कि मैं कनाडा में आयोजित उस कार्यक्रम की खबरें सुनकर दंग हूं जिसमें दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाया गया है। कनाडा में नफरत और हिंसा के महिमामंडन के लिए कोई जगह नहीं है। मैं ऐसी गतिविधियों की स्पष्ट रूप से निंदा करता हूं।
मालूम हो कि आॅपरेशन ब्लूस्टार अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में छिपे जरनैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व वाले उग्रवादियों को बाहर निकालने के लिए दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आदेश पर एक सैन्य कार्रवाई थी। आॅपरेशन ब्लूस्टार एक और 6 जून, 1984 के बीच किया गया था। इसमें 493 लोगों की जान चली गई थी, धर्मस्थल और परिसर क्षतिग्रस्त हो गया था।
अशोक मधुप