हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र कब आयोजित किया जाएगा, इसका फैसला तो 30 जनवरी को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा। वैसे अनुमान यह जताया जा रहा है कि विधानसभा का बजट सत्र 18 से 20 फरवरी को बुलाया जा सकता है। मनोहर लाल सरकार पिछले काफी दिनों से बजट सत्र की तैयारियों में जुटी हुई है। अधिकारियों, सांसदों, मंत्रियों सहित आम जनता से भी रायशुमारी की जा रही है। चूंकि इसी साल लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार प्रदेश की जनता पर खूब धन बरसेगा।
लोगों को विभिन्न टैक्सों से जहां छूट मिल सकती है, वहीं कई तरह की पेंशनों की राशि भी बढ़ाई जा सकती है। कोई नया कर लगने की संभावना दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रही है। चुनावी साल होने की वजह से कर रहित लोकलुभावन बजट की आशा प्रदेश की जनता कर सकती है। मुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनोहर लाल इस बार गरीबों, अंत्योदयों के लिए कुछ नई घोषणाएं कर सकते हैं जिससे उनकी आय बढ़ सकती है। यदि लोकसभा चुनावों के दौरान लोगों का वोट चाहिए, तो ऐसा करना सरकार की मजबूरी है।
वित्तमंत्री के रूप में मनोहर लाल ने पिछले साल एक लाख 83 हजार 950 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। यहबजट इससे पिछले साल से 11.6 प्रतिशत अधिक था। इस बार दो लाख रुपये का बजट पेश किए जाने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश सरकार इस बार बजट में व्यापारियों, किसानों, गरीबों और अंत्योदयों के लिए कल्याणकारी योजना की घोषणा कर सकती है। वैसे प्रदेश की लगभग ढाई करोड़ आबादी में से करीब 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। गांवों में आजीविका का साधन खेती और खेती से जुड़े कारोबार हैं।
खेती से भी किसानों को इतनी आय नहीं होती है कि वे सुखी जीवन बिता सकें। खेती से जुड़े कारोबार से आजीविका चलाने वालों की भी यही दशा है। ऐसी स्थिति में आगामी बजट में किसानों, खेतिहर मजदूरों और खेती से जुड़े उद्योग-धंधा करने वालों को कई तरह सहूलियत मिल सकती है। इतना ही नहीं, बुढ़ापा पेंशन, विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति जैसी तमाम सरकारी सुविधाओं और पेंशनों की राशि में इजाफा किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री इस बारे में विचार करने की बात पहले ही कह चुके हैं। ऐसी स्थिति में नई कल्याणकारी योजनाओं और पेंशनों की राशि में वृद्धि तो निश्चित मानी जा सकती है। गांवों के साथ-साथ शहरी आबादी का भी ध्यान रखा जाएगा। शहरी आबादी के लिए भी कई तरह योजनाएं शुरू हो सकती हैं। वित्तमंत्री मनोहर लाल इस बार बजट पेश करते समय आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में जरूर रखेंगे। ऐसी स्थिति में किसी नए कर की संभावना नहीं दिखाई देती है। हां, सरकार ने सरकारी अधिकारियों को यह निर्देश जरूर दिया है कि जिन योजनाओं का पैसा खर्च नहीं हुआ है, उसका उपयोग तय समय तक जरूर कर लें।
-संजय मग्गू