चाहे जितनी सुदृढ़ राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था हो, भ्रष्टाचार का दीमक उसकी जड़ों को खोखला कर देता है। भ्रष्टाचार किसी भी क्षेत्र में हो, वह समाज और व्यवस्था के लिए घातक ही सिद्ध होता है। सहकारिता विभाग में हुआ सौ करोड़ का घोटाला हरियाणा के किसानों के लिए घातक ही सिद्ध हुआ। एकीकृत सहकारी विकास परियोजना के माध्यम से प्रदेश के किसानों की समस्याओं को दूर करने की बात सोची गई थी, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों और लोगों के चलते किसानों का हक मारा गया और उनके साथ विश्वासघात किया गया। हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो ने सहकारिता विभाग में किए गए एक अरब रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है।
इस मामले में छह राजपत्रित अधिकारियों से सहित 14 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। एंटी करप्शन ब्यूरो को एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं में भ्रष्टाचार की शिकायत बहुत पहले से मिल रही थी। उसने जब मामले में छानबीन शुरू की, तो रेवाड़ी, अंबाला और करनाल रेंज की सहकारी समितियों में भारी घोटाला पाया गया। इस मामले में जब जांच आगे बढ़ी, तो लगभग सौ करोड़ रुपये के घोटाले का पता चला। एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं में वरिष्ठ अधिकारियों, लेखा परीक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों की मिलीभगत से सरकारी खाते में जमा रकम का उपयोग निजी फ्लैट, दुकान या जमीन खरीदने में किया गया। एकीकृत सहकारी विकास परियोजनाओं के माध्यम से ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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कार्यक्रम के साथ-साथ कई तरह के विकास कार्य करवाए जाते हैं। इस योजना के जरिये सहकारी समितियों को विकसित करने का प्रयास किया जाता है। लेकिन ऐसा करने की जगह पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने सरकारी पैसे की लूट मचा दी। दरअसल, यह प्रदेश के लाखों किसानों के साथ किया गया विश्वासघात की तरह है। प्रदेश सरकार ने जिन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भरोसा करके उन्हें किसानों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने का जिम्मा सौंपा, उन्होंने सरकारी खजाने को लूटकर अपना घर भर लिया। इस मामले में चौदह लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
स्वाभाविक है कि अब जब पूरे प्रदेश में जांच शुरू की गई है, तो घोटाले की रकम आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। कुछ और लोगों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इन लोगों से घोटाले की रकम वसूली जानी चाहिए, ताकि इसके बाद दूसरे किसी अधिकारी की घोटाला करने की हिम्मत न पड़े। जब तक भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक भ्रष्टाचार की गंगोत्री प्रदेश में बहती रहेगी। वैसे भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल बहुत पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार सहन नहीं किया जाएगा। सहकारिता विभाग में हुई गिरफ्तारी उनके मजबूत इरादों को जाहिर करता है।
-संजय मग्गू
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