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अब अकेले रहने से ऊब रहा है अमेरिकी समाज

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अमेरिका में अब शादी का चलन बढ़ रहा है। पिछले पांच दशक में अमेरिकी समाज में शादी करने का चलन 60 फीसदी तक कम हो गया था। अब लोग शादी करने को प्राथमिकता देने लगे हैं। हो सकता है कि यह खबर हमारे लिए महत्वपूर्ण न लगे। जिस तरह हमारे देश में विवाह न करने, लिव इन रिलेशन में रहने का चलन बढ़ रहा है, दो चार दशक बाद हमारे देश की भी वही स्थिति होने वाली है जो आज अमेरिका की है। मैरिज यानी विवाह की परंपरा का सूत्रपात हमारे देश में आरुणि यानी उद्दालक पुत्र श्वेतकेतु ने की थी। उन्हें इस बात से बहुत तकलीफ होती थी कि जब कोई अतिथि आता था, तो उनकी मां को उसकी सेवा में जाना पड़ता था। तब आज जैसा लिव इन रिलेशन ही रहा होगा।

बाद में श्वेतकेतु ने विवाह संस्था का सूत्रपात करते हुए अपनी पत्नी या पति के प्रति निष्ठावान रहने की शपथ अपने शिष्य-शिष्याओं को दिलाई। धीरे-धीरे विवाह संस्था ने अपनी जड़ें जमाई और लोग अपने जीवन साथी के प्रति ईमानदार रहने लगे। पांच-छह दशक पहले तक पश्चिम में भी मैरिज के मायने यही थे। लेकिन पश्चिमी में कारपोरेट कल्चर हावी होता गया, तो विवाह के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा। फिल्मों, टीवी सीरियलों ने अविवाहितों और लिव इन रिलेशन में रहने वाले लोगों का महिमामंडन करना शुरू किया, तो लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया। पश्चिमी फिल्मों ने यह दिखाना शुरू किया कि अनमैरीड स्त्री और पुरुष दूसरों के मुकाबले काफी सफल होते हैं। उनका जीवन भी स्वतंत्र होता है। परिवार और बच्चों के चक्कर में स्त्री और पुरुष कम ही सफल होते हैं।

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नतीजा यह हुआ कि पांच दशक में ही शादियां करने का चलन 60 फीसदी कम हो गया। लेकिन जब शादी न करने का साइड इफेक्ट सामने आना शुरू हो गया, तो लोगों की समझ में आया कि उन्होंने क्या खोया है। अब वे पहले की तरह शादी की ओर लौटने लगे हैं। अमेरिका में हुए एक सर्वे में कहा गया है कि अविवाहित लोगों की तुलना में विवाहित लोग 545 प्रतिशत ज्यादा सुखी रहते हैं। इनके पास संपत्ति भी दस फीसदी ज्यादा होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि पैसा ही सब कुछ नहीं होता है। अथाह पैसा होने के बाद भी यदि कोई साथ न हो, सुख-दुख में प्यार से पीठ थपथपाने वाला न हो, तो व्यक्ति को सारी भौतिक संपदा बेकार लगने लगती है।

यही अब अमेरिकियों के साथ हो रहा है। वे अब ऊब रहे हैं। उनमें भी यह लालसा पैदा होने लगी है कि कोई तो अपना हो जिसको वे टूटकर प्यार कर सकें, अपना कह सकें। ऐसा नहीं है कि सभी अमेरिकी स्वच्छंद रहना पसंद करते हैं। जो विवाह बंधन में बंध जाते हैं, वे आजीवन अपने साथी के प्रति ईमानदार रहते हैं। लाखों अमेरिकी विवाह को बड़ी शिद्दत से निभा रहे हैं। उनमें तलाक का प्रतिशत भी नगण्य है। अपने ही लोगों से अब बाकी अमेरिकी सीख रहे हैं कि शादी से हुए बच्चे शिक्षा और संस्कार में काफी बेहतर होते हैं।

संजय मग्गू

-संजय मग्गू

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