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भगवान श्रीराम में रमी हमारी सनातन-संस्कृति

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इस समय सम्पूर्ण भारत राम में रमा हुआ नजर आ रहा है। रामजन्म भूमि पर बने मंदिर को लेकर जन-जन में उत्साह है। दरअसल मंदिर भारतीय संस्कृति और धार्मिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अयोध्या का मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है और इसका निर्माण भूमि के एक विवाद के कारण बहुत वर्षों तक टाला गया था। लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई। अब मंदिर ने आकार ले लिया। इस मंदिर का निर्माण भव्यता और एकता का प्रतीक माना जा रहा है जिसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक तात्कालिकताएं समाहित है। यहां तक कि अनेक मुसलमान भी मंदिर बनने से प्रसन्न हैं।

राम मंदिर के निर्माण के पीछे एक दीर्घकालिक तपस्या, संघर्ष और बलिदान का दारुण इतिहास भी छिपा है। सन 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हिंदुओं के पक्ष में अपना निर्णय दिया और बाबरी मस्जिद के स्थान पर ही भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण होने की अनुमति दी। इसके बाद, 2020 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। तभी से आयोध्या में राम जन्मभूमि को आदर्श भूमि के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया गया। ऐसे भगवान राम के मंदिर की यात्रा एक नये सांस्कृतिक युग की शुरुआत का प्रतीक बन गई।

यही कारण है कि जगह-जगह सनातन संस्कृति के प्रति उत्साह से भरे हुए समूह तरह-तरह के आयोजन में संलग्न होकर भगवान राम का पुण्य स्मरण कर रहे हैं। न केवल भारत में वरन विदेश में बसे भारतीय भी उत्साह में हैं। अयोध्या में रामलला के मंदिर का निर्माण आधुनिक भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना बन गई है। राम मंदिर का निर्माण एक सामूहिक प्रयास भी है, जो भारतीय समाज को एक साथ लाने का कारगर माध्यम बन रहा है। इसमें सब्जी बेचने वाली एक महिला द्वारा दिए गए बीस रुपये दान को भी पूरा सम्मान दिया गया और उसे राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन शामिल होने के लिए विधिवत आमंत्रित भी किया गया है।

अयोध्या का मंदिर भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए आस्था और शांति का स्रोत है। अब भारत धार्मिकता, सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक एकता की ओर तेजी से कदम बढ़ाए जा रहा है। राम मंदिर के निर्माण ने भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य किया है। अब यह एक नवीन सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल के रूप में विश्वव्यापी हो रहा है। थोड़े बहुत हिंदू ऐसे भी हैं जो राजनीति के शिकार हैं, इसलिए राम मंदिर से दूरी बनाए हुए हैं। लेकिन ज्यादातर हिंदू समाज मंदिर से अपने आप को भावनात्मक रूप से जोड़ चुका है।

राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज के लिए सांस्कृतिक समृद्धि और एकता का प्रतीक भी है। यह स्थल रामायण काल से जुड़ा हुआ है और भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में इसका विशेष महत्व है। राम मंदिर, भारतीय सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है। राम मंदिर एवं भारतीय संस्कृति का संबंध अत्यंत गहरा और महत्वपूर्ण है। इसका निर्माण भारतीय सांस्कृतिक परंपरा, धरोहर और धार्मिकता के मूल्यों को सार्थक बनाए रखने का प्रतीक है। राम मंदिर का निर्माण भारतीय समाज को एकता और समरसता की भावना से जोड़ता है।

यह स्थल श्रीराम के भक्तों के लिए सांत्वना और प्रेरणा का केंद्र है, जो समृद्धि और सामाजिक समरसता की दिशा में अपना संकल्प दिखा रहा है। राम मंदिर के निर्माण से निकलने वाला संदेश यही है कि भारतीय संस्कृति और धरोहर में धार्मिक और सामाजिक एकता का महत्व अत्यंत उच्च है। इसे एक सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण या नवजागरण की शुरुआत के रूप में देखा जा सकता है जो भारतीय समाज को सशक्त बनाने की कवायद में एक महत्वपूर्ण कदम है। अयोध्या का राम मंदिर अब भारतीय धरोहर में निहित मूल्यों को सार्थक बनाए रखने का नाम है। यह समृद्धि, सामाजिक समरसता और सहयोग की भावना को प्रोत्साहित कर रहा है। अयोध्या नगरी के कारण भारत अपने सांस्कृतिक और सनातन बोध से भरा हुआ है।
(यह लेखिका के निजी विचार हैं।)

-डॉ. योगिता जोशी

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