Friday, March 14, 2025
23 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiबहू और बेटी में फर्क करता है हमारा समाज

बहू और बेटी में फर्क करता है हमारा समाज

Google News
Google News

- Advertisement -

भारतीय समाज जटिलताओं से भरा हुआ है। जहां रीति और रिवाज के नाम पर कई प्रकार की कुरीतियां भी शामिल हो गई हैं। इसका सबसे अधिक खामियाजा महिलाओं को भुगतनी पड़ती है। पितृसत्तात्मक समाज में लड़का और लड़की में जहां अंतर देखा जा सकता है वहीं बेटी और बहू के मामले में भी समाज का संकुचित नजरिया साफ तौर पर झलकता है। कई ऐसे अवसर देखने को मिलते हैं जहां बेटी के रूप में लड़की को कुछ आजादी मिल जाती है, लेकिन वही दायरा बहू रुपी लड़की के लिए सीमित कर दिया जाता है। समाज की यह छोटी सोच शहरों और पढ़े लिखे समाज में कम देखने को मिलती है, लेकिन देश के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी सोच और मान्यता न केवल आज भी कायम है बल्कि बहुओं को इसे मानने के लिए मजबूर भी किया जाता है।

इसकी एक मिसाल उत्तराखंड के बागेश्वर जिला स्थित गरुड़ ब्लॉक का गनीगांव भी है। जहां बहू और बेटी में फर्क देखने को साफ मिल जाता है। इस गांव की कुल जनसंख्या लगभग 800 है। शिक्षा के क्षेत्र में भी यह गांव बहुत अधिक समृद्ध नहीं है। यही कारण है कि यहां लड़का और लड़की में ही नहीं, बल्कि बहू और बेटी के बीच भी भेदभाव किया जाता है। इस संबंध में गांव की 40 वर्षीय देवकी देवी कहती हैं कि इस गांव में पीढ़ियों से बहू और बेटी के बीच भेदभाव किया जा रहा है। हमने बचपन से जो देखा है, वही सीखते आए हैं और वही परंपरा निभा रहे हैं। अगर हम बदलाव करना भी चाहते हैं तो हमारे गांव, घर और समाज में यह संभव नहीं है। बेटी अगर सूट पहन रही है, तो बहू भी इसे क्यों नहीं पहन सकती है? लेकिन हमें समाज के साथ चलना है इसलिए हम चाह कर भी बहुओं को ऐसा करने को नहीं कह सकते हैं। हमें भी समाज के हिसाब से जीना पड़ता है। सच यह है कि इस गांव में बेटी और बहू के बीच भेदभाव किया जाता है।

गांव की 18 वर्षीय किशोरी कुमारी जानकी दोसाद का कहना है कि हमारे गांव घरों में वास्तव में बहू और बेटी में बहुत ज्यादा फर्क किया जाता है। अगर बेटी 19 वर्ष की हो और उसी घर में 19 साल की कोई लड़की बहू बनकर आए तो उससे 30 साल की लड़की के जैसी काम और व्यवहार की उम्मीद की जाती है। आखिर ऐसा क्यों है कि कोई लड़की अपनी पसंद के कपड़े तो पहन सकती है, लेकिन बहू नहीं? बेटियों को घर से बाहर जाने की इजाजत होती है, लेकिन बहू को नहीं? बेटियां गलती भी करें तो माफी हो जाती है और बहू गलती करे तो उसे दिन भर पानी तक नहीं दिया जाता है। 25 वर्षीय नवविवाहिता संगीता देवी कहती हैं कि शादी से पहले हम घर में जो भी काम करते थे, उससे हमारे मम्मी पापा खुश रहते थे, लेकिन शादी के बाद चाहे हम कुछ भी कम कर लें। हमारे सास ससुर खुश नहीं होते हैं। उनको खुश करने के लिए चाहे हमारा मन उस काम को करने के लिए तैयार न भी हो, फिर भी हमें उनके हिसाब से चलना पड़ता है। बेटी का मन अगर काम करने को न हो तो कुछ नहीं कहते लेकिन बहू के साथ बहुत भेदभाव होता है।

गांव की 44 वर्षीय महिला पार्वती देवी कहती हैं कि हम बेटी और बहू में कोई भी फर्क नहीं करते हैं पर सदियों से जो प्रचलन चला आ रहा है, उसे निभाने की हमारी मजबूरी है।  हम गांव में ही रहते हैं तो इस वजह से उसे पर चलना ही पड़ता है। अन्यथा समाज में लोग बातें बनाते हैं। हालांकि पहले की अपेक्षा समाज की सोच में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा है। हम भी अपने आप को बदलने की कोशिश कर रहे हैं।’ वहीं 44 वर्षीय मदन सिंह भी स्वीकार करते हैं कि गांव में बहू और बेटियों में बहुत फर्क किया जाता है। वह कहते हैं कि ग्रामीणों की सोच अभी भी वही पुरानी है। लोग एक दूसरे को देखकर बदलना भी चाहते हैं लेकिन बदल नहीं पाते हैं। बेटियों की तकलीफ को गहराई से महसूस किया जाता है, लेकिन बहू की तकलीफ को नजरअंदाज किया जाता है। बेटी के लिए बचपन माना जाता है, लेकिन उसी उम्र की बहू को जिम्मेदारियों के तले दबा दिया जाता है। जो समाज की गलत सोच का परिणाम है।

समाजिक कार्यकर्ता नीलम ग्रेंडी का कहना है कि आज के बदलते दौर में कोई कितना भी कहे कि बहू और बेटी में कोई फर्क नहीं करते हैं, पर यह मात्र मिथ्या है। हर घर की यही कहानी है। बहू को बहू और बेटी को बेटी समझा जाता है। जिस दिन हर घर में बहू की बातों को अनसुना किया जाएगा, उनकी बातों का कोई बुरा नहीं मानेगा उसी दिन परिवार में बहू और बेटी में समानता आ जाएगी। अगर बहू कभी कोई बात बोल देती है तो सुनना तो दूर की बात, उसे बर्दाश्त तक नहीं किया जाता है।

कविता रावल

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

पोक्सो एक्ट के मामले में पुलिस चौकी सैनिक कॉलोनी की टीम ने आरोपी को लक्खीसराय बिहार से किया गिरफ्तार

फरीदाबाद- पुलिस उपायुक्त NIT कुलदीप सिंह के द्वारा महिला विरुद्ध अपराध में शामिल आरोपियो की धर-पकड़ के दिए गए दिशा-निर्देश के अंतर्गत कार्रवाई करते...

एक्सप्रेस वे पर केंटर ने इको को टक्कर मारी,19 घायल ,एक गम्भीर ,इको में लगी आग

देश रोजाना,हथीन। कुंडली मानेसर एक्सप्रेस वे पर गांव मंडकौला के निकट केंटर ने इको गाड़ी में टक्कर मार दी। टक्कर लगने से इको गाड़ी...

Recent Comments