इसी साल दो अप्रैल को शुरू किया गया मुख्यमंत्री मनोहर लाल का जनसंवाद कार्यक्रम नए-नए कीर्तिमान स्थापित करता जा रहा है। सामान्य तौर पर मुख्यमंत्री का जिस जिले में जनसंवाद कार्यक्रम होता है, मुख्यमंत्री अपने लावलश्कर के साथ पहुंचते हैं। उस जिले की जनता इसमें अपनी-अपनी समस्याओं, दिक्कतों को लेकर शामिल होती है। जनसंवाद के दौरान लोग अपनी व्यथा-कथा सुनाते हैं, मुख्यमंत्री तत्काल उसको हल करने की कोशिश करते हैं। यदि समस्या का तत्काल समाधान संभव नहीं होता है, तो वे अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि जल्दी से जल्दी वे इस समस्या को हल करें। यह लोगों से संबंध स्थापित करने का सबसे बेहतरीन तरीका है।
इससे जहां लोगों को इस बात का आश्वासन मिलता है कि मुख्यमंत्री तक उनकी पहुंच है और वे अपनी तकलीफ को सीधे उन तक पहुंचा सकते हैं। अगर किसी प्रदेश की जनता को यह आश्वस्ति मिल जाए कि यदि इलाके अधिकारी या कर्मचारी ने उनकी बात नहीं सुनी, तो जिला स्तर का अधिकारी सुनेगा। यदि उसने नहीं सुनी उसकी व्यथा-कथा तो प्रदेश स्तर का अधिकारी अवश्य सुनेगा। अगर इस अधिकारी ने भी उनकी व्यथा नहीं सुनी, तो मुख्यमंत्री जरूर सुनेंगे। यह भरोसा जनता में बहुत मुश्किल से पैदा होता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने प्रदेश के लोगों को यह भरोसा दिलाने में सफल होते जा रहे हैं। जनसंवाद के माध्यम से सीएम लोगों को राहत पहुंचाने में सफल हो रहे हैं। जनता की आवश्यकताएं क्या हैं? उनकी पीड़ा क्या है? यह भी इससे सीखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल अब तक छह जिलों में पचास से अधिक गांवों में जनसंवाद रैली कर चुके हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री उस जिले के लिए कई तरह की लोककल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत करते हैं। पूरे हो चुकी योजनाओं का शिलान्यास करते हैं। करोड़ों रुपये का पैकेज मुख्यमंत्री इन गांवों को देने का घोषणा भी करते हैं। कहीं स्कूल खोलने की घोषणा होती है, तो कहीं सामुदायिक केंद्र की। कहीं अस्पताल खोले जाते हैं, तो कहीं सड़क, नालियां, नालों और विकास परियोजनाओं की नींव रखी जाती है। इन जनसंवादों का फायदा यह होता है कि पूरे प्रदेश का क्रमिक विकास होता जाता है। लोगों की समस्याएं हल होती जाती हैं।
उस पर मुख्यमंत्री का उनके बीच रात्रि विश्राम करना और भी लोगों को मोहित कर रहा है। विश्राम के दौरान लोग अपने सुख-दुख की बातें भी मुख्यमंत्री को अपने परिवार का सदस्य समझ कर कर लेते हैं। यही नहीं, जनसंवाद के दौरान छात्र-छात्राओं को उपहार भी देते हैं। इससे छात्र-छात्राओं के बीच भी उनकी लोकप्रियता में चार चांद लग रहे हैं। प्रदेश और केंद्र सरकार से संचालित विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से संवाद भी करते चलते हैं सीएम। अब तक 3.34 लाख लाभार्थी मुख्यमंत्री से जुड़ चुके हैं। यह बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जा सकती है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास का लक्ष्य पाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने पथ पर अग्रसर हैं।
संजय मग्गू