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तपेदिक रोग से पूर्ण मुक्ति का हरियाणा सरकार ने उठाया बीड़ा

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संजय मग्गू
केंद्र सरकार ने पूरे देश को टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस अर्थात तपेदिक से मुक्ति का सौ दिवसीय अभियान छेड़ दिया है। इसकी शुरुआत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सात दिसंबर को पंचकूला से की थी। इसके साथ ही सैनी सरकार ने कदम मिलाते हुए प्रदेश को तपेदिक मुक्त राज्य बनाने की कवायद शुरू कर दी है। साल 2024 में सात लाख से ज्यादा लोगों की जांच की जा चुकी है। इस जांच में अब तक 86 हजार से ज्यादा मरीजों की पहचान की जा चुकी है। वैसे प्रदेश की आबादी के हिसाब से यह संख्या काफी कम है। लेकिन जिस तरह केंद्र सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में टीबी रोग के उन्मूलन का अभियान छेड़ा है, प्रदेश की सैनी सरकार भी इस मामले में पीछे नहीं रहेगी, ऐसी आशा की जानी चाहिए। प्रदेश की सरकारें पहले भी टीबी के प्रति जागरूक रही हैं, लेकिन पिछले नौ सालों में तपेदिक रोग के उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सन 2015 में प्रदेश में ट्यूबरकुलोसिस के 44928 मामले सामने आए थे। उस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने दो लाख 12 हजार लोगों का परीक्षण किया था। जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली, तो प्रदेश में कोरोना की जांच के साथ-साथ टीबी का भी परीक्षण किया गया। कोरोना की जांच के दौरान प्रदेश में काफी संख्या में टीबी के भी मरीज पाए गए। कोरोना काल में तीन लाख से अधिक लोगों की जांच की गई और 73 हजार से ही भी ज्यादा मरीज प्रदेश में पाए गए। इस तरह मरीजों की बढ़ती संख्या से सरकार चिंतित हुई और फैसला लिया गया कि अधिक से अधिक लोगों की जांच की जाए और तपेदिक से पूरे हरियाणा को मुक्त कराया जाए। नतीजा यह हुआ कि पिछले साल छह लाख से अधिक लोगों की जांच की गई। पूरे प्रदेश में अस्सी हजार मरीज सामने आए जिनका उपचार किया गया। अब सैनी सरकार ने फैसला किया है कि पूरे प्रदेश में तपेदिक रोगियों का पता लगाने के लिए अधिक से अधिक जांच की जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक दूरगामी योजना तैयार की है। यदि जांच में किसी परिवार का सदस्य क्षय रोगी पाया जाता है, तो उस परिवार के साथ-साथ उसके आसपास रहने वालों की भी जांच की जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि आसपास यदि कोई मरीज है, तो वह भी छूटेगा नहीं और समय पर उसका भी उपचार हो जाएगा। इससे बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी। यह अभियान पूरे प्रदेश में सौ दिन चलाया जाएगा। इसके लिए जगह-जगह टीबी जांच के लिए कैंप लगाए जा रहे हैं। यदि प्रदेश के एक-एक आदमी की जांच कराई जा सके, तो निश्चित तौर पर पूरे हरियाणा को तपेदिक रोग से मुक्त कराने में सफलता हासिल हो सकती है।

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