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गरीब और बेघर लोगों को भूखंड-आवास देने की योजना 

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अमीर हो या गरीब, हर किसी का यह सपना होता है कि उसके पास सिर छिपाने के लिए एक घर हो। आदमी सिर पर एक छत की आस में आजीवन लगा रहता है। समाज में कुछ लोग ऐसे ही भी होते हैं जो एक घर की आस लिए अपने जीवन का सफर पूरा कर लेते हैं, लेकिन उन्हें घर बना पाने में सफलता नहीं मिलती है। केंद्र की भाजपा सरकार ने चार-पांच साल पहले वर्ष 2022 तक हर बेघर को घर देने का वायदा किया था, लेकिन वह वायदा पूरा नहीं हो पाया। अब हरियाणा सरकार से प्रदेश के लगभग तीन लाख लोगों ने मकान की मांग की है। मनोहर सरकार ने पिछले साल मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य उन लोगों को मकान उपलब्ध करवाना था जिनकी आय 1.8 लाख रुपये से कम है और जिनके पास अपना कोई मकान नहीं है।

सरकार ने इस मामले में आॅनलाइन आवदेन मांगे थे। इस योजना के तहत ही प्रदेश के 2.89 लाख लोगों ने आवेदन करते हुए यह दावा किया है कि उनके पास अपना कोई घर नहीं है और उनकी आय निर्धारित मापदंड से कम है। वैसे तो प्रदेश सरकार ने पात्र लोगों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार ने प्रदेश के 14 कस्बों और शहरों में उस भूमि की पहचान कर ली है जिस पर गरीबों के लिए मकान बनाए जाने हैं या फिर भूखंड उपलब्ध कराना है। मनोहर सरकार ने हाउसिंग फॉर आल डिपार्टमेंट को निर्देश जारी कर दिया है कि छह महीने के अंदर लोगों को मकान या प्लाट उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है।

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जिस तरह बेघर लोगों को भूखंड-आवास देने की योजना सरकार वायदा कर रही है, उस हिसाब से तो अगले साल तक इन लोगों को मकान या प्लाट मुहैया हो जाना चाहिए। शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण आवास योजना शुरू करने की घोषणा सरकार ने बजट में की थी। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लगभग पंद्रह साल पहले भी सरकार ने महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना शुरू की थी। कुछ ग्रामीणों को इस योजना के तहत भूखंड आवंटित किए गए थे, लेकिन अफसोस की बात यह है कि इन आवंटियों को आज तक कब्जा नहीं दिया जा सका है।

इसके लिए जहां पूर्ववर्ती सरकार दोषी है, तो वर्तमान सरकार भी कम उत्तरदायी नहीं है। सरकार को इन लोगों को जल्दी से जल्दी भूखंड का कब्जा देने का प्रयास करना चाहिए। सरकार ने ऐसे लोगों में से 25 हजार आवंटियों को सितंबर 2024 तक कब्जा दिलाने का लक्ष्य रखा है। बाकी लोगों को भी इसके बाद कब्जा दिलाया जाएगा। इस योजना में बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जिन्हें भूखंड ही आवंटित नहीं किया गया है। इन्हें भूखंड आवंटित किया जाना चाहिए।

संजय मग्गू

-संजय मग्गू

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