हमारे देश में विवाह हमेशा से ही जन्म जन्मांतर से होने वाला रिश्ता रहा है। यह एक संस्कार माना जाता है जिसका जीवन में बहुत महत्व होता है। हिंदू समाज में कुल सोलह संस्कार होते हैं जिसमें से विवाह संस्कार बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। स्वाभाविक है कि जीवन के इस महत्वपूर्ण पल को हर आदमी संजोकर रखना चाहता है। जब से फोटोग्राफी का चलन शुरू हुआ है, लोग तस्वीरें खिंचवाकर रख लेते हैं। जब भी खुशी या उदासी का मौका हुआ तो अपने मूड के मुताबिक देख लेते हैं। अपनी यादों को ताजा कर लेते हैं। विवाह के वक्त खींची गई तस्वीरों में पूरा परिवार और नाते-रिश्तेदार तक समाहित हो जाते हैं। कुछ लोग तो वीडियोग्राफर को बुलाकर उसका वीडियो बनवा लेते हैं।
अमेरिका, यूरोप और एशियाई देशों में अब वेडिंग कंटेंट क्रिएटरों ने शादी में भी बाजार को लाकर खड़ा कर दिया है। हमारे देश में ही बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटीज तो अपनी शादी की तस्वीरों और वीडियोज की बाकायदा बोली लगाकर विभिन्न कंपनियों को राइट्स प्रदान करती हैं। इसके एवज में एक मोटी रकम हासिल कर लेती हैं। इधर कुछ दिनों से हीरो-हीरोइन्स अपने बेटे-बेटियों की तस्वीरें और वीडियो के राइट्स भी बेचने लगी हैं। ठीक इसी तरह अब अमेरिकन समाज में शादी के दौरान होने वाली सभी रस्मों की तस्वीरों और वीडियो को बनवाने का चलन शुरू हो गया है।
वेडिंग कंटेंट क्रिएटर कैमरे और मोबाइल मेें शादी के खास-खास पलों को कैद करके विवाहित जोड़ों को मुहैया करा रहे हैं। कंटेंट क्रिएटर्स स्मार्ट फोन से ही खूबसूरत और यादगार पलों को कैद करके बाद में उसे एडिट करके उसमें वीडियो उपलब्ध करा देते हैं। ऐसा तो कई दशकों से चला आ रहा है। लेकिन अब तो अमेरिका में शादी के बाद पर्दे के पीछे वाले उन पलों को भी फिल्माने का चलन शुरू हो गया है जिसे आमतौर पर या तो फिल्माया नहीं जाता है या फिर चोरी छिपे विवाहित जोड़ा अपने लिए रील्स बनाकर रख लेता है। बाहर वालों को पता भी नहीं लगने देता है। लेकिन समय का फेर देखिए, समाज में इतना खुलापन आ चुका है कि अब वेडिंग कंटेंट क्रिएटर उन खास पलों को भी फिल्माने लगे हैं। इसके लिए एक लाख रुपये से तीन-चार लाख रुपये तक वसूले जाते हैं।
इन रील्स को पसंदीदा प्लेटफार्म पर शेयर किया जाता है। अमेरिकन समाज इसे कुछ भी कहे, लेकिन सीधा सीधा यह एडल्ट मैटर उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटों को उन खास पलों के रील्स या वीडियो मुहैया कराकर कमाई करने वाली बात है। आज अमेरिका में यह चलन शुरू हुआ है, तो निश्चित है कि इसकी आंच एशियाई देशों तक कुछ ही समय बाद जरूर पहुंचेगी। भारत सहित दुनिया के ज्यादातर देशों में इस तरह की सामग्री किसी भी वेबसाइट पर लोड करना कानूनन अपराध है, लेकिन सरकार और कानून को धता बताकर कुछ लोग आज भी समाज को गंदा करने में लगे हुए हैं। यह समाज को विकृत करने जैसा है।
-संजय मग्गू