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हरियाणा में जल संरक्षण मामले में अभी और प्रयास करने की जरूरत

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जल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। शुद्ध वायु के बाद किसी भी जीव के लिए शुद्ध पानी ही दूसरा सबसे जरूरी पदार्थ है। इसके बावजूद इंसान सबसे ज्यादा लापरवाह हवा और पानी को लेकर ही है। हवा में हम इंसानों ने अपने कर्मों से इतना जहर घोल दिया है कि वह अब सांस लेने के लायक भी नहीं जाएगी यदि हमने प्रदूषण घोलना बंद नहीं किया। यही हाल पानी का भी है। कहीं पानी है, तो उसका दुरुपयोग हो रहा है, जहां नहीं है, वहां धरती का सीना छेदकर पानी निकालने की कोशिश हो रही है। हरियाणा में पानी की जरूरत जितनी है, उससे 14 लाख करोड़ लीटर पानी कम उपलब्ध है। दक्षिण हरियाणा में तो पेयजल संकट के साथ-साथ सिंचाई की भी समस्या पैदा हो रही है।

हरियाणा के कुल 7287 गांवों में से 3041 गांव पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से 1948 गांवों में तो समस्या काफी गंभीर हो गई है। यहां पानी को लेकर लोग काफी परेशान हैं। केंद्र सरकार ने जब 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन योजना शुरू की, तो हरियाणा ने भी केंद्रीय योजना के साथ कदमताल करना शुरू कर दिया था। हर घर तक नल कनेक्शन तो इससे पहले भी दिया जा रहा था, लेकिन केंद्र की योजना लागू होने के बाद इसमें तेजी आई। वर्ष 2014 से अब तक पूरे हरियाणा प्रदेश में 30 लाख 41 हजार घरों में जल कनेक्शन दिया जा चुका है।

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हरियाणा पूरे देश में हर घर नल योजना को सौ फीसदी लागू करने वाला तीसरा राज्य है। इस मद में 2480 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। प्रदेश सरकार ने हर घर तक नल पहुंचाने के साथ-साथ जल संरक्षण की दिशा में भी सराहनीय कार्य किया। प्रदेश सरकार के प्रयास से 85 पंचायतों और पांच खंडों में 6600 हेक्टेयर क्षेत्र में जल स्तर सुधारने में सफलता मिली। अटल भूजल योजना में हरियाणा का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा। इस पर कुल 183 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े। इसके बावजूद प्रदेश सरकार का प्रयास जारी रहा।

अब हालत यह है कि वर्तमान प्रदेश सरकार 13 जिलों पर विशेष ध्यान दे रही है क्योंकि इन जिलों के 36 खंडों में लगातार भूजल दोहन की वजह से भूगर्भ जल स्तर काफी घट गया है। इन क्षेत्रों में तालाब का निर्माण करके जल स्तर बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। पंचायत स्तर पर जरूरत के हिसाब से जल संरक्षण योजनाएं बनाई गई हैं। वैसे सरकारी आंकड़ा कहता है कि प्रदेश में 2093598 करोड़ लीटर पानी उपलब्ध है, लेकिन हमारे प्रदेश को 3496276 करोड़ लीटर पानी की जरूरत है। इसका मतलब यह है कि जरूरत के हिसाब से 14 लाख करोड़ लीटर पानी कम उपलब्ध है। यदि हमने पानी की बरबादी नहीं रोकी, तो निकट भविष्य में इससे बुरे हालात का सामना करना पड़ सकता है।

Sanjay Maggu

-संजय मग्गू

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