अरब, अमेरिका और अफ्रीकी देशों में गुलाम रखने की परंपरा बहुत पुरानी रही है। अरब देशों में बाजार सजाकर गुलाम खरीदे और बेचे जाते थे। गुलामों की जिंदगी काफी बदतर होती थी। उनकी स्त्रियों से मालिक कोई भी काम ले सकता था। कहते हैं कि अरब में अगर मालिक अपने गुलाम को मार भी दे, तो उसको कोई सजा नहीं होती थी। उन्हीं दिनों की बात है। अरब में एक शेख रहता था जिसका लुकमान नाम का एक गुलाम था। बाद में यही लुकमान हकीम लुकमान के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसे फूलों, पेड़-पौधों से बड़ा प्यार था। एक बार की बात है।
शेख ने लुकमान से कहा कि सामने जो बकरी देख रहे हो, उसे मारकर उसका सबसे खूबसूरत अंग ले आओ। लुकमान ने उस बकरी को मारा और उसकी जीभ काटकर ले आया। यह देखकर शेख बहुत खुश हुआ। उसने कहा कि एक और बकरी मारकर उसका सबसे बेकार अंग ले आओ। इस बार भी लुकमान ने बकरी मारी और उसकी जीभ काटकर ले आया। यह देखकर शेख बहुत नाराज हुआ। उसने कहा कि यह क्या बकवास है। एक ही चीज सबसे बढ़िया और सबसे खराब कैसे हो सकती है? लुकमान ने कहा, यह जीभ ही है, जो मीठा बोलने पर सबको सम्मान दिलाती है।
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लोगों का प्रिय बनाती है। लेकिन यदि इसी जीभ से कड़वा बोला जाए, तो उस व्यक्ति को सबसे खराब बनने से कोई नहीं रोक सकता है। अपमान का कारण भी कई बार यही जीभ ही होती है। यह सुनकर शेख प्रसन्न हो गया। बात उसकी समझ में आ गई थी। कहा जाता है कि बाद में शेख ने लुकमान को स्वतंत्र कर दिया। अपने चिकित्सा ज्ञान की वजह से वह हकीम लुकमान ने नाम से प्रसिद्ध हुआ। बीमार व्यक्तिों की बहुत सेवा की और अमर हो गया।
-अशोक मिश्र
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