Thursday, November 21, 2024
18.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeEDITORIAL News in Hindiरेडियो का क्रेज: आज भी सुनने वालों की संख्या में हो रही...

रेडियो का क्रेज: आज भी सुनने वालों की संख्या में हो रही है वृद्धि

Google News
Google News

- Advertisement -

भारत में रेडियो का इतिहास बहुत पुराना है, और आज भी यह एक अहम माध्यम बना हुआ है, चाहे तकनीकी दुनिया कितनी भी विकसित क्यों न हो। हालांकि डिजिटल मीडिया और स्मार्टफोन ने मनोरंजन और जानकारी के अन्य रास्ते खोले हैं, फिर भी रेडियो का अपना एक खास स्थान है। विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में, जहां इंटरनेट की पहुंच सीमित हो सकती है, रेडियो एक प्रमुख और विश्वसनीय स्रोत बना हुआ है।

रेडियो का क्रेज पिछले कुछ वर्षों में एक बार फिर से बढ़ा है। खासतौर पर एफएम रेडियो चैनल्स के आने के बाद, लोग अधिक से अधिक संगीत, समाचार, और मनोरंजन के लिए रेडियो की ओर आकर्षित हो रहे हैं। एफएम चैनल्स ने लोगों के दिलों में एक नई ऊर्जा और जोश भर दिया है। इन चैनलों के जरिए न केवल म्यूजिक, बल्कि लोगों को नई जानकारियों, मौसम की जानकारी, ट्रैफिक अपडेट्स और अन्य जरूरी सूचनाएं मिलती हैं।

आजकल के युवाओं में भी रेडियो के प्रति रुचि बढ़ी है, क्योंकि यह उन्हें अपनी पसंदीदा संगीत सुनने के साथ-साथ लाइव शोज और इंटरव्यू का हिस्सा बनने का मौका देता है। ‘रेडियो जॉकी’ (RJ) की लोकप्रियता ने भी इस माध्यम को आकर्षक बना दिया है। रेडियो जॉकी द्वारा किए जाने वाले दिलचस्प और इंटरएक्टिव शोज युवाओं के बीच बेहद प्रचलित हो गए हैं।

रेडियो के इस नए रूप ने समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एक नई कनेक्टिविटी भी स्थापित की है। खासकर बड़े शहरों के मुकाबले छोटे शहरों और गांवों में रेडियो का प्रभाव अधिक गहरा है। यहाँ, रेडियो केवल मनोरंजन का जरिया नहीं, बल्कि सूचना का प्रमुख माध्यम भी है। इससे स्थानीय खबरें, सरकारी योजनाओं, और आपातकालीन सूचनाओं का प्रसार आसानी से किया जा सकता है।

इसके अलावा, रेडियो का एक और आकर्षक पहलू यह है कि यह एक बहुत ही सस्ता और सुलभ माध्यम है। जहां एक ओर इंटरनेट और केबल टीवी सेवाएं महंगी हो सकती हैं, वहीं रेडियो पर मनोरंजन और जानकारी मुफ्त में उपलब्ध होती है। यही कारण है कि रेडियो का क्रेज आज भी बरकरार है, और आने वाले समय में इसकी लोकप्रियता में और बढ़ोतरी की संभावना है।

हालांकि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया और इंटरनेट के प्रभाव से रेडियो को चुनौती मिल रही है, लेकिन इसकी सादगी, विश्वसनीयता और लोकल कनेक्शन ने इसे हमेशा ताजगी दी है। रेडियो का क्रेज अभी भी मजबूत बना हुआ है, और यह निश्चित रूप से आगे भी हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा रहेगा।

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

“भूल भुलैया 3 ने बॉक्स ऑफिस पर 20वें दिन की कमाई में दिखाया जोरदार उछाल, सिंघम अगेन को छोड़ा पीछे”

कार्तिक आर्यन और विद्या बालन स्टारर "भूल भुलैया 3"ने बॉक्स ऑफिस पर एक बार फिर जबरदस्त उछाल दिखाया है। फिल्म ने बुधवार को रिलीज...

नेहा शर्मा का 37वां जन्मदिन: एक्ट्रेस ने एक्टिंग से लेकर फैशन इंडस्ट्री तक बनाई अलग पहचान

बॉलीवुड की दिलकश और टैलेंटेड एक्ट्रेस नेहा शर्मा आज 21 नवंबर को अपना 37वां जन्मदिन मना रही हैं। बिहार के भागलपुर से मुंबई तक...

UP Akhilesh:सपा प्रमुख ने अनुबंध के जरिए भर्ती को ‘पीडीए’ के खिलाफ आर्थिक साजिश बताया

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (UP Akhilesh:)ने अनुबंध (आउटसोर्स) के जरिए विभिन्न पदों पर भर्ती को लेकर उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता...

Recent Comments