शरद पवार, जो राकांपा (एसपी) के प्रमुख हैं, ने शनिवार को बीड जिले के परली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए धनंजय मुंडे पर तीखा हमला बोला। पवार ने आरोप लगाया कि राकांपा में विभाजन के पीछे उन लोगों का हाथ है, जिन्हें हराना जरूरी है। पवार ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि इस बार उन नेताओं को हराना होगा जिन्होंने पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया।
धनंजय मुंडे के खिलाफ आरोप
राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘मैंने जितनी मदद दी, उतनी कोई और नहीं दे सकता था। मुसीबत के समय में जब पंडित मुंडे और उनका बेटा धनंजय हमारे पास मदद के लिए आए थे, तब मैंने उन्हें अपनी पूरी मदद दी। मैंने धनंजय को एमएलसी, राज्य मंत्री और एलओपी (नेता प्रतिपक्ष) बनाने तक की मदद की।’’ शरद पवार ने आगे कहा कि आज बीड में उन लोगों को परेशान किया जा रहा है, जिन्हें उन्होंने कभी मदद दी थी।
पवार ने आरोप लगाया कि धनंजय मुंडे ने अपनी निजी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए पार्टी को कमजोर किया और इस समय उन्हें हराने की जरूरत है।
बीड जिले के विकास पर जोर
पवार ने बीड जिले के विकास की बात करते हुए कहा कि परली क्षेत्र ने राज्य को बिजली आपूर्ति में योगदान दिया है, लेकिन हाल ही में अपराधों में वृद्धि हुई है। पवार ने कहा, ‘‘हमारे लिए बीड को विकास के मामले में आगे बढ़ाना जरूरी है। हमें किसानों की समस्याओं, पानी की कमी और बेरोजगारी के मुद्दों को हल करना है।’’ पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे राजेश साहेब देशमुख को वोट दें ताकि वह इन मुद्दों का समाधान कर सकें।
कृषि नीति पर शरद पवार का बयान
शरद पवार ने भाजपा नीत महायुति पर भी हमला बोला और कहा कि यह गठबंधन किसानों की समस्याओं के प्रति असंवेदनशील है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन के आयात की अनुमति देने से महाराष्ट्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पवार ने कहा, ‘‘केंद्र की नीतियों ने किसानों की कमर तोड़ दी है और राज्य में कृषि क्षेत्र कमजोर हो रहा है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को उन कृषि उत्पादों का आयात नहीं करने देना चाहिए था जिन्हें राज्य में स्थानीय स्तर पर आसानी से खरीदा जा सकता था।
महंगाई और अपराध पर पवार की आलोचना
शरद पवार ने बढ़ते अपराध, महंगाई और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, ‘‘विधायकों द्वारा थानों में जाकर लोगों को धमकी देना और इस पर कोई कार्रवाई न होना यह साबित करता है कि सरकार कानून-व्यवस्था के मामले में विफल हो रही है।’’ पवार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य के उद्योग गुजरात स्थानांतरित हो रहे हैं और इस पर सरकार चुप है।
महाराष्ट्र की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त
शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी देश के अग्रणी राज्यों में था, लेकिन अब बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं के समाधान में असफल रहने के कारण यह छठे स्थान पर आ गया है। पवार ने लोगों से आगामी विधानसभा चुनाव में सतर्क और समझदारी से मतदान करने की अपील की और कहा कि उन्हें झूठे वादों से बचना चाहिए। शरद पवार ने राकांपा के विरोधियों को खुली चुनौती दी और आगामी चुनाव में अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन की अपील की। पवार का आरोप था कि वर्तमान सरकार ने महाराष्ट्र को विकास के मामले में पीछे धकेल दिया है और किसानों की उपेक्षा की है। उन्होंने आगामी चुनाव में जनता से समझदारी से चुनाव करने की अपील की, ताकि राज्य के विकास को गति मिल सके।