पूजा शर्मा : 20 जुलाई यानि आज विश्व शतरंज दिवस के नाम से जाना जाता है। और आज पुरे विश्व भर में शतरंज दिवस मनाया जा रहा है। शतरंज दिवस के अवसर पर आज हम आपको शतरंज के बारे में एक महत्वपूर्ण बात बतायंगे।
शतरंज का नाम जब हम सुनते है, तो हमारे मन में एक दम से फिल्मों किओ याद आने लगती है और साथ ही ‘श और मात’ का बोलना याद आता है। और उसके पियादे याद आने लगते है। लेकिन, आज हम आपको शतरंज के बारे में एक अनोखी बात बताने जा रहे है। शतरंज एक खेल है। जी लेकिन, यह
यादशत बढ़ाने का भी एक काम करता हैं।
शतरंज को माइंड गेम कहा जाता है। यह दिमागी कसरत करने का एक हथियार है। शतरंज दिमाग की ताकत को बढ़ाता है। तनाव और चिंता को शतरंज खेलने से कम होता है। शतरंज एक दिमागी खेल है। इसे दिमागी खेल इसीलिए कहा जाता है क्योकि इसमें चाले याद रखनी होती है। जो हमारी याद करने की क्षमता को बनाये रखता है। और तेज़ी से हमारे दिमाग का विकास होता है। शतरंज खेलने से दिमाग की चुनौती चलती रहती है।
कुछ स्कूलों में बच्चों को शतरंज सिखाया जाता है। उन स्कूलों में यह नोटिस किया गया है कि उन बच्चों की पढ़ाई बहुत अच्छी है और उनकी दिमागी सहनशीलता भी काफी तेज़ होती है। शतरंज दिमागी खेल होने के कारण इसे खेलों में जोड़ा गया है और अच्छे इनाम के भी रखे गए है। शतरंज से जिम्मेदारी का अनुभव होता है। इस खेल से आपको सीखने को मिलता है।
शतरंज एक पहेली है। इसे जीतने के लिए सोच समझकर चाल चलनी होती है।