IMD ने कहा है कि गुजरात के कच्छ क्षेत्र के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र शुक्रवार तक चक्रवाती तूफान (Cyclone Asna: )में बदल सकता है। इस चेतावनी के बाद कच्छ जिले में अधिकारियों ने झोपड़ियों और अस्थायी घरों में रह रहे लोगों को स्कूलों, मंदिरों या अन्य सुरक्षित इमारतों में आश्रय लेने का निर्देश दिया है। कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका के निवासियों से अपील की है कि वे अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
Cyclone Asna: स्थानीय समुदाय से अपील,गरीबों को शरण दें
उन्होंने स्थानीय समुदाय से भी आग्रह किया है कि वे गरीब और अस्थायी घरों में रहने वाले लोगों को अपने घरों में शरण दें। आईएमडी ने बृहस्पतिवार रात एक बयान में कहा, “कच्छ और आसपास के इलाकों में बने गहरे दबाव के, अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर-पूर्व अरब सागर में पश्चिम की ओर बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद यह अगले दो दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।”
Cyclone Asna:पाकिस्तान ने दिया नाम
आईएमडी की चेतावनी के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र का दौरा किया और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जिलाधिकारी अरोड़ा से जिला प्रशासन की तैयारियों के बारे में जानकारी ली। अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप ले लेता है तो इसका नाम ‘असना’ रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया है। यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में जाकर चक्रवाती तूफान में बदल जाता है। इसके अलावा, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी असामान्य है।
हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है
आईएमडी ने कहा है कि इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहेगी, ऊंची लहरें उठेंगी और गुजरात तट पर हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही, आईएमडी ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी है और समुद्र तट के निकटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।राज्य सरकार ने बचाव और राहत कार्यों के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
निगरानी बढ़ाने के आदेश
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों ने संभावित चक्रवात के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न तैयारियों की समीक्षा की है। कच्छ के जिलाधिकारी ने स्थानीय अधिकारियों को भी आदेश दिए हैं कि वे सभी संभावित जोखिम क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाएं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद करें। इस दौरान, स्वास्थ्य सुविधाओं, जल आपूर्ति और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन मिलकर इस संभावित आपदा का सामना करने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं।