पलवल। गत दिनों हुए स्कूल बस हादसे के बाद स्कूल वाहनों संबंधी उजागर हुई खामियों पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। गर्मियों की छुट्टियां समाप्त होने के बाद शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र से पहले ही प्रशासन ने जिले के सभी स्कूल संचालकों से उनके वाहनों से आने-जाने वाले बच्चों की संख्या, बसों की संख्या, चालकों और परिचालकों का पूरा ब्योरा तलब कर लिया है। उपायुक्त नेहा सिंह ने बुधवार को कहा कि इस मामले में कोई रियायत नहीं दी जाएगी और मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी।
बुधवार को जिला सचिवालय के द्वितीय तल पर स्थित सभागार में जिला स्तरीय सुरक्षित स्कूल वाहन योजना को शत प्रतिशत रूप से सफल बनाने के उद्देश्य को लेकर उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जिले के सभी निजी शिक्षण संस्थानों में बच्चों को लाने व ले जाने के लिए लगाई गए वाहनों का पूरा ब्योरा जुटाएं। विद्यार्थियों की सुरक्षा के मापदंडों को परखा जाए। जिन स्कूलों में मानक के लिहाज से खामियां हैं तो वे तुरंत इसे सही कराएं। सभी स्कूलों से बसों की संख्या, उनके रूट सम्बन्धी जानकारी, चालकों और परिचालकों की संख्या, उनके परमिट, लाइसेंस के बारे में शीघ्र सूची मांगी है।
उपायुक्त ने कहा कि स्कूलों की बसों के रूट संबंधी आवश्यक जानकारी स्कूलों को अपने नोटिस बोर्ड पर लगानी होगी, ताकि बच्चों व अभिभावकों को बच्चों के बारे में पूरी जानकारी हो। उन्होंने कहा कि स्कूल द्वारा रखे जाने वाले चालक के पास कम से कम पांच वर्ष का अनुभव होना चाहिए तथा उसका इन पांच सालों में तीन बार से अधिक चालान नहीं कटा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया गया स्टाफ, परिचालक व सहयोगी पूरी तरह से प्रशिक्षिति होने चाहिए। हर बस में बच्चों के साथ एक अध्यापक भी होना चाहिए। चालकों, परिचालकों व बस के संपूर्ण स्टाफ के मोबाइल नंबर बस में अंदर तथा बाहर अकिंत होने चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल वाहन का रंग पीला होना अनिवार्य है।
बैठक में एडीसी डा. आनंद शर्मा, एसडीएम रणवीर सिंह, एसडीएम लक्ष्मी नारायण, एसडीएम शशि वसुंधरा, नगराधीश द्विजा, उप पुलिस अधीक्षक संदीप मोर, डीईओ अशोक कुमार बघेल,डीटीपी नरेन्द्र नैन,रैडक्रास सैके्रट्री वाजिद अली मौजूद रहे।