पलवल। आज की परिस्थितियों में किसानों को कपास फसल की सुरक्षा के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है, क्योंकि गत वर्षो की भांति बी.टी. कपास में गुलाबी सुंडी का प्रकोप आने की संभावना है। इसके लिए सभी किसान फसल में फूल आने से पूर्व खेत के आस-पास रखी कपास की लकड़ियों को फसल से दूर रखें। गुलाबी सुंडी का लारवा इन्हीं लकड़ियों के बिनोलो में छुपा रहता है और अनुकूल मौसम प्राप्त होते ही नई फसलों के फूलो में छिप जाता है और फसल को नष्ट करने में अहम भूमिका अदा करता है। यह बातें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार से आए डा. अनिल कुमार ने कहीं। वह कृषि विज्ञान केंद्र मंडकोला में जिला स्तरीय बैठक में किसानों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि यदि इसको नहीं रोका जाता तो हरेक 15 दिन में फसल पर कीटनाशक छिडकाव करने का अनावश्यक खर्चा बढ़ता है। इस बी.टी. कोटन के विकल्प के रूप में देसी कपास को सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। डा. अनिल सैनी ने कपास फसल में होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए सुझाव देते हुए कहा कि कपास एक संवेदनशील फसल है, जिसमें सैंकड़ों मित्र कीट निवास करते है। यदि जरूरत से अधिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे न केवल फसल में नुकसान होता है, बल्कि किसानों को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि कृषि अधिकारियों द्वारा सभी किसानों को समय-समय पर बताया जाता है कि जिला पलवल में किसान कपास की फसल में पौषक तत्वों जैसे यूरिया, पोटाश आदि को कम डालते हैं, जिससे फसल के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। विश्वविद्यालय की सिफारिश अनुसार एक एकड़ कपास की फसल में कम से कम 1 कट्टद्दा डी.ए.पी., 3 कट्टा यूरिया, 40 किलो पोटाश, 10 किलो जिंक की आवश्यकता होती है। इसलिए इन्हें किसान फसल की जरूरत के अनुसार खेत में डाले, जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो और किसान की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
बैठक में किसान क्लब के किसानो के साथ-साथ कृषि विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। संयुक्त निदेशक कपास आर.पी. सिहाग ने बैठक की अध्यक्षता की तथा हरियाणा कृषि विश्वविघालय हिसार के कृषि वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार व कृषि विज्ञान केन्द्र से डा. आर.एस. सैनी, पशुपालन विभाग मंडकोला से डा. जसवीर सिंह, उपमंडल कृषि अधिकारी डा. मंजीत सिंह, उपमंडल कृषि अधिकारी नूंह डा. अजीत सिंह मौजूद रहे। उपमंडल कृषि अधिकारी पलवल व नूंह क्रमश: डा. मंजीत सिंह व डा. अजीत सिंह ने संयुक्त निदेशक कपास डा. आर.पी. सिहाग का स्वागत करते हुए अंतर राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष-2023 के अंतर्गत मोटे अनाज भेंट किया। कृषि उप निदेशक डा. पवन शर्मा ने कृषि विश्वविद्यालय हिसार से आए कृषि वैज्ञानिको एवं संयुक्त निदेशक कपास तथा किसानो का आभार व्यक्त किया।