देख-रेख के अभाव में लोगों को स्वास्थ्य सवाएं देने के लिए क्षेत्र में बनाए गए भवन जर्जर अवस्था में हैं। जिसके चलते जहां इन भवनों पर स्वास्थ्य सेवाएं बंद पड़ी हैं वहीं, दूसरी ओर आवारा लोगों की आरामगाह भी बने हुए हैं। ऐसे में लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए भवनों का लोगों को कोई लाभ नहीं पहुंच रहा है।
बता दें कि पुन्हाना उपमंडल के गांव औथा व मोहम्ददपुर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाखों रुपये खर्च कर उप स्वास्थ्य केंंद्र बनवाए गए थे। उन्हें करीब छह वर्ष बाद भी विभाग से मंजूरी न मिलने के चलते चालू नहीं कराया गया। करीब छह वर्ष पहले सिंगार की गर्भवति महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ देने के साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए डिलीवरी हट बनवाया गया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन उपायुक्त केएम पांडूरंग व तत्कालीन सीएमओ डा. बीके राजौरा द्वारा किया गया था। उसके करीब एक वर्ष बाद भी हट की छत गिर गई और उसे बंद कर दिया गया। उसके बाद से ये भवन खंडर में बदल गए हैं। सरकार व विभाग द्वारा लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी ये भवन केवल नाम के ही रह गए हैं। अगर जल्द ही विभाग द्वारा इन भवनों की देख-रेख नहीं की गई तो यह भवन पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे। उसके बाद इनका कोई वजूद नहीं रहेगा। वहीं, एसएमओ डा. कपिल ने बताया कि भवनों की जर्जर हालत को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। ऐसे में उचाधिकारियों के आदेश के बाद ही आगामी कोई निर्णय लिया जाएगा।