गुरुग्राम। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को सीबीआई जज सुधीर परमार के भतीजे एवं एम3एम कंपनी में लीगल एडवाइजर के रूप में कार्यरत अजय परमार को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में पिछले चार दिन में ही चार लोगों को गिरफ्तार हो चुकी है। अजय परमार के आवास से तलाशी के दौरान कुछ अहम सबूत भी ईडी को मिले हैं। अब ईडी इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। एम3एम के प्रमोटर एवं निदेशक बंसल ब्रॉदर्स पर 400 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। दोनों भाइयों पर सेल कंपनियों के माध्यम से 400 करोड़ रुपए जुटाने के भी आरोप लगे हैं।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि एम3एम ग्रुप ने आइरियो ग्रुप से 400 करोड़ रुपए लिए हैं। एम3एम ग्रुप में ट्रांजेक्शन को डेवलपमेंट पेमेंट दिखाया गया है। ईडी इस मामले में एम3एम ग्रुप की करोड़ों रुपए की संपत्ति अब तक जब्त कर चुकी है। ईडी के अधिकारियों ने रियल एस्टेट कंपनी एम3एम के ठिकानों पर गत सप्ताह छापेमारी कर 60 करोड़ की लग्जरी कारें और 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त की थी। वहीं गुरुवार को गिरफ्तार किए गए अजय परमार अपने चाचा सीबीआई जज सुधीर परमार व एम3एम इंडिया के निदेशक रूप कुमार बंसल के साथ पंचकूला में हरियाणा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज 17 अप्रैल की एफआईआर में आरोपी बनाए गए हैं।
एसीबी की एफआईआर के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने कहा कि एम3एम ग्रुप उसके प्रमोटर रूप बंसल व उसके भाई बसंत बंसल को आइरियो से धन हड़पने के मामले में पीएमएलए अदालत के सिटिंग जज के रूप में सुधीर परमार को लाभ दिया गया। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि शुरुआत में अजय का वेतन लगभग 10 लाख रुपए प्रति वर्ष तय किया गया लेकिन इस चार्जशीट के बाद उसके वेतन में बढ़ौतरी की गई। इस बात का खुलासा इनकम टैक्स रिटर्न से भी हुआ है।