रेवाड़ी। बरसात का सीजन शुरू होने के बाद लगता है डेंगू फैलाने वाले Aedes मच्छर की भी निकल पड़े है। मच्छरों ने लोगों पर अपने हमले तेज कर दिए है । जिले में अब तक डेंगू के 15 मरीज सामने आ चुके है । प्रशासन की ओर से डेंगू के फैलाव को रोकने की दिशा में काम करते हुए लोगों के कूलर , ड्रम व पानी की टंकियों के अलावा अन्य साधनों की जांच की जा रही है। लारवा मिलने की सूरत में अभी तक करीब 1800 लोगों को नोटिस थमाए जा चुके है ।
जानकारी के अनुसार बरसात के मौसम में अक्सर मौसम व मच्छर जनित बीमारियां बढ़ने लगती है। हालांकि डेंगू का डंक ताजा पानी में पनपता है , लेकिन बावजूद इसके बरसात का इस पर इसलिए असर पड़ता है कि बारिश का यही पानी कई दिनों तक भरा रहता है , और लोग उसे निकालने की दिक्कत नहीं उठाते। वर्तमान में भी बरसात का सीजन है , इसलिए बीमारियों ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। फिलहाल आई फ्लू ने धमाका किया हुआ है। यहां ज्यादातर लोग अंधेरे में भी काला चश्मा लगाए घूम रहे है । कारण आई फ्लू का प्रकोप है। इसी प्रकार मौसम जनित बीमारियों ने भी दस्तक देना शुरू कर दिया है।
हालांकि अभी डेंगू व मलेरिया सहित मौसम जनित बीमारियों का अभी ज्यादा प्रभाव पड़ना शुरू नहीं हुआ है , फिर भी डेंगू के मरीजों की शुरूआत सामने आ चुकी है। जानकारी के अनुसार प्रशासन की नजर में अभी तक डेंगू के 15 केस आए है , हालांकि ये आंकड़े सरकारी अस्पताल के है , वह बात अलग है कि प्राईवेट उपचार कराने वालों का रिकॉर्ड प्रशासन के पास नहीं है , इसलिए कहा जा सकता है कि डेंगू के मरीजों की संख्या ज्यादा हो सकती है। डेंगू के प्रभाव को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है । लोगों के घरों में रखे , कूलर , पानी की टंकियां व अन्य संसाधनों की जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार प्रशासन को विभिन्न लोगों के घरों में रखे संसाधनों में डेंगू का लारवा मिला है । जिनके यहां लारवा मिला है , उन्हें नोटिस दिया गया है। जानकारी के अनुसार नोटिस पाने वाले लोगों की संख्या 1800 के लगभग है। इधर प्रशासन ने आमजन से आग्रह किया है कि डेंगू के प्रभाव को रोकने के लिए सावधान रहने की जरूरत है। अपने घरों में लगे कूलर का पानी एक सप्ताह में जरूर बदल दें और कहीं भी ताजा पानी को एक सप्ताह से अधिक समय तक नहीं रखें। इसी प्रकार गंदा पानी भी एकत्रित नहीं होने दें। गंदे पानी में मच्छर पैदा होकर मलेरिया फैलाते है ।