रेवाड़ी। केंद्रीय राज्यमंत्री व दक्षिणी हरियाणा के बड़े नेता राव इंद्रजीत सिंह पर उनके राजनीतिक विरोधी अक्सर महलों की राजनीति करने के आरोप लगाते रहे हैं।
लेकिन, राजनीति के बदलते स्वरूप में उनकी बेटी, हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने अपने पिता के राजनीतिक विरोधियों के आरोपों की धार कों कुंद कर दिया।
पिता की विरासत संभालने को तैयार :
अक्टूबर 2024 में आरती सिंह राव अटेली विधानसभा क्षेत्र से जीत कर विधानसभा में पहुंची थी। प्रदेश सरकार में उन्हें अहम जिम्मेदारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग का मंत्री बनाया। प्रदेश में वजीर बनने के बाद से ही आरती सिंह राव ने दिखा दिया कि वह अपने पिता की विरासत को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
तैयार कर रही युवाओं की फौज :
आरती सिंह राव भली भाति जानती है कि उनके पिता के साथ सहयोगी रहे अब वृद्ध हो चले हैं। उन्हें अगर अपने पिता की तरह लंबी राजनीति करनी है तो युवाओं की टीम अपने साथ जोड़नी ही होगी। आरती सिंह राव इसी रणनीति पर काम करते हुए दक्षिणी हरियाणा में युवाओं की नई फौज तैयार कर रही है। युवा आरती सिंह राव के सीधी सपाट बात करने के कायल होते नजर आ रहे हैं। दक्षिणी हरियाणा के युवा अब आरती सिंह राव में अपना नेता देख रहे हैं।
निकाय चुनाव में दिखाना होगा राजनीतिक कौशल :
आरती सिंह राव के आगे चुनाव जीतने के बाद निकाय चुनाव की पहली परीक्षा सामने आई है। आरती सिंह राव को इस परीक्षा में अपने पिता केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की तरह अपना राजनीतिक कौशल दिखाना होगा। आरती सिंह राव के आगे सबसे बड़ी चुनौती तो अटेली नगर निकाय चुनाव में जीत हासिल करने की होगी। दक्षिणी हरियाणा की कद्दावर नेता के रूप में उभरने के लिए उन्हें गुरुग्राम, मानेसर व सोहना में भी अपना राजनीतिक कौशल दिखाना ही होगा।
पहली परीक्षा, पास हुई तो बढ़ेगा कद :
राजनीतिक विरोधियों की हर चाल को मात देकर अपने कार्यकर्ताओं को जिताने की जिम्मेदारी भी आरती सिंह राव पर ही होगी। मंत्री बनने के बाद पहली परीक्षा में आरती सिंह राव पास हुई तो अपने पिता राव इंद्रजीत सिंह की तरह दक्षिणी हरियाणा में उनका कद बढ़ेगा। प्रदेश महामंत्री एवं प्रदेश कार्यालय प्रभारी सुरेंद्र पूनिया पहले ही कह चुके हैं कि हर नेता की अपने-अपने क्षेत्र में कमल खिलाने की जिम्मेदारी होगी।
राजनीतिक कौशल की असल परीक्षा गुरुग्राम में :
आरती सिंह राव की राजनीतिक कौशल की परीक्षा तो असल में गुरुग्राम में होगी। गुरुग्राम निकाय चुनाव में उनके परंपरागत राजनीतिक विरोधी भी सक्रिय रहेंगे। निकाय चुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि आरती सिंह राव अपना कितना दमखम दिखा पाएंगी। राजनीतिक पंडित तो यह मानकर चल रहे हैं कि आरती सिंह राव अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए निकाय चुनाव में अपने राजनीतिक विरोधियों को जरूर मात देंगी।