Monday, December 23, 2024
16.1 C
Faridabad
इपेपर

रेडियो

No menu items!
HomeHARYANAFaridabadगर्भवती को रेफर कर झाड़ा पल्ला, बीके में इंजेक्शन लगाकर भेजा घर

गर्भवती को रेफर कर झाड़ा पल्ला, बीके में इंजेक्शन लगाकर भेजा घर

Google News
Google News

- Advertisement -

कविता, देश रोजाना   

फरीदाबाद। संस्थागत प्रसुति को बढ़ावा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपये बहा रही है। ताकि गर्भवती को घर के निकट स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके। लेकिन इन सबके बावजूद गर्भवती महिलाओं के संग रेफर का खेल खेला जा रहा है। ऐसा ही एक गर्भवती को सेक्टर-तीन एफआरयू से बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल और उसके बाद बीके सिविल अस्पताल का सफर तय कर घर लौटना पड़ा।

बीके के बाहर कैब का इंतजार करते हुए घुंघट में बैठी गर्भवती अंजली, संग में पति और पड़ोसी दम्पति

यह है पूरा मामला

सेक्टर-तीन निवासी अनिल ने बताया कि वह निजी कंपनी में काम करता है और किराए के मकान में रहता है। उसकी पत्नी अंजली की पहली डिलीवरी है। अंजली गर्भवास्था जांच एफआरयू दो से करवा रही थी। रविवार की सुबह अंजली की तबीयत खराब होने लगी। जिस पर वह अपने एक पड़ोसी के संग उसे लेकर तीन सेक्टर में एफआरयू दो (प्रथमरेफरल यूनिट) में पहुंचा। जहां से अंजली को बल्लभगढ़ के लिए चिकित्सकों ने रेफर कर दिया। बल्लभगढ़ सिविल अस्पताल में डिलीवरी के बाद बच्चे को नर्सरी में रखने की बात कहते हुए रेफर कर दिया। बताया कि यदि यहां डिलीवरी होगी तो बच्चे को यहां भर्ती नहीं किया जा सकेगा। अंजली को बीके अस्पताल के प्रथम तल पर ले जाया गया। जहां उसे एक इंजेक्शन लगाकर वापस घर लौटा दिया गया। ऐसे में वह एम्बुलेंस कक्ष में गुहार लगाने पहुंचे तो उन्होंने एम्बुलेंस से घर पहुंचाने में असमर्थता जता दी। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक पहुंचाने की सुविधाएं है, उन्हें घर तक ले जाने के लिए नहीं। जिस पर अनिल ने कैब बुक की और पैसों के आभाव में किसी अन्य अस्पताल ले जाने के बजाय वह घर लेकर जाने को मजबूर हो गए। उनका कहना था कि सुबह से दोपहर तक यहां से वहां चक्कर कटवा कर एक इंजेक्शन ही लगाना था तो एफआरयू में ही लगा दिया जाता। ऐसे में उम्मीद पूरी तरह से टुट चुकी है। आज पैसे होते तो वह भी निजी अस्पताल में ले जाते। इस तरह से चक्कर क्यों काटने पड़ते।

स्टाफ का कथन

वहीं बीके सिविल अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ नर्स ने बताया कि गर्भवती को बल्लभगढ़ से रेफर यह कह कर किया गया था कि प्रसव पीड़ा है। जबकि जांच करने पर पता चला कि अभी डिलीवरी नहीं करवाई जा सकती। जिस पर उसे दर्द कम करने का इंजेक्शन देकर लौटा दिया गया। ताकि समय पर ही डिलीवरी करवाई जाए। पहली डिलीवरी होने के कारण ऑपरेशन न करना पडे। इसका ध्यान रखते हुए उसका बचाव किया गया। क्योंकि ऑपरेशन में ऐसे केस में काफी रिस्क होता है।

- Advertisement -
RELATED ARTICLES
Desh Rojana News

Most Popular

Must Read

भारत और चीन उपयुक्त रास्ते पर, परंतु भरोसा जल्दबाजी

शगुन चतुर्वेदीभारत और चीन पांच साल बाद सीमा विवाद समाधान हेतु गठित विशेष प्रतिनिधिमंडल की उच्च स्तरीय वार्ता पिछले दिनों संपन्न हुई। यह 23वीं...

Mahakumbh:अवध की पेशवाई यात्रा प्रयागराज पहुंची

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में (Mahakumbh:)गंगा और यमुना के त्रिवेणी संगम के किनारे से ड्रोन द्वारा ली गई तस्वीरें 2025 के महाकुंभ मेला के...

Recent Comments