राजेश दास
सरकारी जमीन पर कब्जों के बाद अब लोगों ने यात्रियों की सुविधाओं के लिए बनाए गए बस क्यू शेल्टरों पर भी अवैध तरीके से कब्जे करने शुरू कर दिए है। नगर निगम द्वारा ध्यान न दिए जाने से शहर के कई प्रमुख चौराहों के पास बने बस क्यू शेल्टरों पर अवैध कब्जे कर लोग खाने पीने की दुकाने, टैक्सी स्टैंड और रेहड़ी खोमचें चला रहे है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम अधिकारियों कोइस बारे में पता नहीं है। बीके चौक स्थित निगम मुख्यालय के पास भी यहीं स्थिति बनी हुई है। निगम अधिकारी सुबह शाम इन क्यू शेल्टरों के पाससे गुजरते हैं। लेकिन इसके बावजूद वे ध्यान देने की जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कई बस क्यू शेल्टरों को भी निगम द्वारा गलत तरीके से बनाया गया है। जहां इनकी आवश्यकता है, वहां निगम द्वारा बनाए ही नहीं गए। ऐसे स्थानों पर यात्रियों को धूप और बरसात में खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है। हाल में स्मार्टसिटी ने भी ऐसी जगह क्यू शेल्टर बनाए हैं, जहां पर जरूरत ही नहीं है।
बस क्यू शेल्टरों पर अवैध कब्जे
नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही के कारण जगह जगह सरकारी जमीनों पर कब्जे आम बात हो चुकी है। अब इन अवैध कब्जे से बस क्यू शेल्टर भी अछूते नहीं रहे। दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में तो पहले भी रेहड़ी खोमचें वाले अवैध रूप से कब्जे कर दुकानें चलाते रहे हैं। लेकिन अब शहर के बीचों प्रमुख चौराहों पर स्थित बस क्यू शेल्टरों पर अवैध कब्जे कर विभिन्न तरह की खाने पीने और अन्य चीजों की दुकानें चल रही है। इनमें बीके चौक, नीलम चौक, बाटा चौक, हार्डवेयर चौक के दोनों तरफ, सोहना रोड के कई बस क्यूशेल्टर, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और राष्ट्रीय राजमार्ग के कई बस क्यू शेल्टर शामिल हैं। ज्यादातर क्यू शेल्टरों पर दिन के समय रेहड़ियां और अन्य दुकानें लगी रहती है। ऐसे में यात्रियों के खड़े होने के लिए जगह ही नहीं बचती।
क्यू शेल्टरों पर नहीं रूकती बस
चालकों द्वारा बसों को अक्सर क्यू शेल्टरों पर रोका नहीं जाता। चालक बसों को या तो क्यू शेल्टरों से करीब 50 मीटर आगे या फिर काफी पहले ही रोक दिया है। जिसके कारण यात्रियों को बस पर सवार होने के लिए दौड़ लगानी पड़ जाती है। ऐसे बस चालकों की आदत को ध्यान में रखते हुए यात्री भी उन्हीं स्थानों पर खड़े होने लगते हैं, जहां पर चालक आमतौर पर बसों को रोकते हैं। ऐसे में बस क्यू शेल्टरों का बिल्कुल भी उपयोग नहीं हो पाता है। ज्यादा समय तक जब सवारियां बस क्यू शेल्टरों में आकर नहीं बैठती तो यह धीरे धीरे पूरी बीरान हो जाती है। जिसका पूरा पूरा फायदा उठाते हुए रेहड़ी और खोमचेंवाले बस क्यू शेल्टरों पर कब्जा कर अपनी दुकानें लगाने लगजाते हैं। सब कुछ देखकर भी प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा हुआ है।
जरूरत के मुताबिक नहीं बने
अनेक क्यू शेल्टर ऐसे स्थानों पर बने हैं, जहां से बसें नहीं गुजरती। सारन पर वर्षो पहले बस आनी बंद हो गई है। लेकिन कुछ समय पहले ही शेल्टर बनाया गया हैं। ऐसे अनेक स्थान हैं, जहां हर रोज सैंकड़ों लोग बस के इंतजार में खड़े रहते हैं। लेकिन इन स्थानों पर आज तक बस क्यू शेल्टर बनाने की जरूरत महसूस नहीं की। गुरूग्राम जाने वाले यात्रियों की सबसे ज्यादा भीड़ मेट्रो मोड़ पर होती है। लेकिन यहां आज तक बस क्यू शेल्टर बनाने की जरूरत महसूस नहीं की गई। इसी तरह बीके चौक पर अस्पताल की तरफ गुरूग्राम अथवा सूरजकुंड की तरफ जाने वाले यात्रियों की दिन भर भीड़ लगी रहती है। लेकिन यहां भी बस क्यू शेल्टर बनाने की जरूरत महसूस नहीं की गई। ऐसे अनेक स्थान है, जहां यात्रियों के लिए क्यू शेल्टर बनाने की बेहद जरूरत है।
शेल्टरों से कब्जे हटाना जरूरी
भारतीय प्रवासी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय तिवारी का कहना है कि ज्यादातर बस क्यू शेल्टरों पर लोगों ने कब्जे हैं। ऐसे क्यू शेल्टरों से कब्जे हटाने की जरूरत है। शहर में अभी काफी स्थानों पर बस क्यू शेल्टर बनाने की जरूरत है। ऐसे स्थानों पर यात्रियों को तेज धूप या बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है।