करनाल में संपन्न मजदूर ललकार रैली की कामयाबी से उत्साहित ज़िले की आशा वर्कर ने हड़ताल के 63 वे दिन सामान्य नागरिक अस्पताल में अपना धरना जारी रखा। यूनियन की जिला सहसचिव जगबती डागर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन दुर्गावती ने किया।कार्यक्रम में 63 दिन से चली आ रही हड़ताल को यूनियन द्वारा 20 अक्टूबर तक बढ़ाने का फ़ैसला किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित आशा वर्करों को सम्बोधित करते हुए यूनियन कि ज़िला प्रधान रामरति चौहान व सीआईटीयू के नेता रमेश ने बताया कि हड़ताल के 63 दिन बीत जाने पर भी सरकार द्वारा केवल आश्वासन दिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि आशा वर्करों की मांगों को उचित ठहरा चुके हैं फिर भी अभी तक माँगों के निपटारे के लिए सरकार की तरफ़ से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। सरकार आशा वर्करों के साथ जिस तरीक़े से व्यवहार कर रही है उससे ऐसा लगता है कि आशा इस प्रदेश का नागरिक नहीं हैं।
यूनियन नेताओं ने कहा कि आशा वर्कर के साथ किए जा रहे व्यवहार का ख़ामियाज़ा सरकार को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ सकता है। सरकार की बेरुखी से नाराज़ प्रदेश कि आशा वर्कर जल्द ही भाजपा व जजपा के विधायकों के आवास पर पड़ाव डालने को मजबूर होंगी। आशा वर्करों कि मांगो को लेकर देश की लाखों आशा वर्कर 30 अक्टूबर को संसद की ओर कूच करेंगी। आशा वर्कर किसी भी कीमत पर सरकार के इस अन्याय से डरकर आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगी।