फरीदाबाद। “हिट एंड रन” कानून के विरोध में सैंकड़ों ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने डीसी ऑफिस पर जोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया। सैकड़ों की तादाद में ऑटो रिक्शा ड्राइवर बदरपुर बॉर्डर पर एकत्रित हुए और वहां से ऑटो रिक्शा ड्राइवर अपनी अपनी ऑटो रिक्शा के साथ जूलूस निकालते हुए डीसी ऑफिस पर पहुंचे और वहां सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए आक्रोश प्रदर्शन किया। वहां 16 फरवरी को हड़ताल करने का ऐलान किया गया। जुलूस व प्रदर्शन का नेतृत्व फरीदाबाद ऑटो रिक्शा ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष भोपाल सिंह, मुकेश भड़ाना, सीटू जिला प्रधान निरंतर ने किया व सभा संचालन जिला सचिव वीरेंद्र डंगवाल ने किया।
लोगों और खासकर सड़क परिवहन
डीसी ऑफिस पर प्रदर्शनकारी ऑटो रिक्शा ड्राइवरों को संबोधित करते हुए सीटू प्रदेश महासचिव जय भगवान व अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने प्रमुख रूप से संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने आम लोगों और खासकर सड़क परिवहन कर्मियों- ड्राइवरों को भारी सजा देने का फैसला किया है। संसद ने 21 दिसंबर, 2023 को भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 नामक एक अधिनियम पारित किया। इसके तहत एक्सीडेंट में मौत होने पर ड्राइवर को साल तक जेल की सजा, साथ ही 7 लाख रूपये जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके चलते निजी / असंगठित क्षेत्र के वर्करों / ड्राईवरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। वह चाहे ट्रक ड्राइवर हो, प्राईवेट बस/स्कूल बस का ड्राइवर हो, कैंटर या लोडिंग में लगे वाहन चालक हों, टैक्सी चालक हो, आटो रिक्शा चालक हों, यहां तक की दुपहिया वाहन चलाने वाले भी इस खतरनाक कानून की जकड़ में आएगें। उन्होंने कहा कि ऑटो चालको सहित सड़क परिवहन वर्करों / ड्राइवरों के हितों के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके अलावा चालकों के लिए ई एस आई, पी एफ इत्यादि सामाजिक सुरक्षा भी नहीं है और न ही बुढ़ापा पेंशन है। लेकिन भाजपा सरकार जो आम जनता की वोट से सता में विराजमान है, वह इन वर्करों / ड्राइवरों को कोई राहत देने की बजाय उन्हें भारी सजा देने के काम कर रही है।
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मजदूर-किसान व आम जनता
सभा को सभा को हंसराज भाटी, घनश्याम, केपी सिंह, गणेश, जसवंत, मुकेश भड़ाना, सुधा,सुशीला, रवि गलिया, नवल सिंह नरवत आदि ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश की सता पर बैठी भाजपा सरकार बड़े- बड़े पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है, मजदूर-किसान व आम जनता पर लगातार हमले कर रही है। बड़ी-बड़ी कम्पनियों के फायदे के लिए ऐसा कानून लेकर आ रही है जो ड्राइवरों/वाहन चालकों के जीवन के साथ खिलवाड़ है। इसी प्रकार से मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव किए गए थे। 2018 के बाद से तमाम वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस में बड़ी भारी वृद्धि की गई है। इसके अलावा वाहन चालानों की राशि में कई गुणा बढ़ौतरी की गई। भाजपा सरकार रोजगार तो दे नहीं सकती बल्कि इस प्रकार से प्रावधान करके इस क्षेत्र में काम करने वाले चालकों को उजाड़ने पर तुली है।
16 फरवरी की देशव्यापी हड़ताल
दी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन हरियाणा के आह्वान पर हुई इस कार्यवाही से पहले हजारों ड्राइवरों के हस्ताक्षर करवाए गए। जिन्हे उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को।भेजा गया। साथ ही 16 फरवरी की देशव्यापी हड़ताल व।ग्रामीण बंद की कार्यवाही में।बढ़चढ़ कर भाग लेने का फेसला किया गया।
प्रमुख मांगः
- भातरीय न्याय संहिता में ड्राइवरों के लिए 10 साल सजा व 7 लाख जुर्माने के प्रावधान को रद्द करो।
- सभी ड्राइवरों के लिए न्यूनतम वेतन 26000 रूपये प्रतिमाह तय हो।
- दुर्घटना में मृत्यु की स्थिति में ड्राइवर के आश्रितों को 20 लाख व अपंगता में 10 लाख मुआावजा मिले।
- अनाप-शनाप बढाए गए चालान के रेट वापस हों। वाहनों पर टोल टैक्स लेना बंद हो।
- सभी ड्राइवरों को इएसआई पीएफ सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ मिले
- सभी ड्राइवर्स की 60 साल की उम्र के बाद 10000 रूपये मासिक पैंशन तय हों।
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