जिला बाल संरक्षण अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि यदि कोई माता-पिता या गर्भवती महिला अपने नवजात शिशु (बच्चे) को आर्थिक तंगी के कारण पालन पोषण करने में , समाज के डर से या किसी अन्य कारण से बच्चों का पालन पोषण करने में असमर्थ है तो उन्हें अपने बच्चों को झाड़ियां में या कहीं अनावश्यक जगह फेंकने (शिशु का परित्याग) की जरूरत नहीं है वह अपना बच्चा (नवजात शिशु) को बाल कल्याण समिति को सौंप सकते हैं जिसका कार्यालय पलवल शहर में कमेटी चौक पर बाल भवन में स्थित है, या जिला बाल संरक्षण कार्यालय जो की कमरा नंबर 111- A प्रथम तल लघु सचिवालय कुसलीपुर पलवल मैं अपना बच्चा समर्पण कर सकते हैं ताकि नवजात शिशु को कानून की कार्रवाई के तहत किसी जरूरतमंद परिवार को गोद प्रक्रिया में दिया जा सके ताकि बच्चों को माता-पिता का प्यार मिल सके। बच्चा सौंपने वाले की सूचना भी गुप्त रखी जाएगी और कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं की जाएगी। यदि कोई माता समाज के डर से कार्यालय में आने में असमर्थ है वह अपना बच्चा शिशु पालन केंद्र जोकि बाल देखरेख संस्थान आंचल छाया बाघोला के बाहर दिल्ली मथुरा हाईवे पर और जिले के सभी सरकारी अस्पतालों व बस स्टैंड परिसर में जिला बाल संरक्षण कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत बच्चों (नवजात शिशुऔ)की सुरक्षा हेतु बनाए गए हैं जिला बाल संरक्षण कार्यालय या बाल कल्याण समिति कार्यालय व शिशुपालना के अलावा अगर किसी माता या परिजनों द्वारा बच्चा किसी अनावश्यक जगह झाड़ियां में नालियों में जंगलों में परित्याग किया जाता है तो उनके खिलाफ जेजे एक्ट अधिनियम 2015 की नियमावली अनुसार कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अक्सर ऐसी घटनाएं बेटियां पैदा होने पर की जाती हैं जबकि आमजन को यह समझना चाहिए कि लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे हैं इस तरह की घटनाएं कानूनी अपराध के साथ-साथ समाज में भी घिनौना काम है। इस तरह बच्चों (नवजातों)के साथ होने वाली घटनाओं को के कारण मासूम बच्चे तड़प तड़प कर मर जाते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए समाजसेवियों और सामाजिक संस्थाओं को आगे आना चाहिए यदि किसी भी आमजन के इस तरह की घटना का पता चलता है तो चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 यह जिला बाल संरक्षण कार्यालय के फोन नंबर 01275-299622 और सूचना दे सकते हैं और सूचना देने वाले का नाम भी गुप्त रखा जाएगा।
नवजात शिशु को अनावश्यक जगह पर फेंका तो होगी कार्रवाई : सत्येंद्र कुमार।
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