प्रवेश चौहान, देश रोजाना
गुरुग्राम। मणिपुर घटना का शर्मनाक वीडियो जब वायरल हुआ, तो लोगों के होश उड़ गए। महिलाओं के प्रति अत्याचार कई वर्षों से होते रहे हैं और शायद आगे भी होते रहेंगे। लेकिन एक चुनिंदा सरकार और प्रशासन का ढाई माह तक इस मामले को दबाए रखना तथा कोई कार्यवाही नहीं करना, ये अविश्वसनीय है। डॉ. सारिका वर्मा ने बताया कि वीडियो देखकर उनका मन बहुत व्यथित हुआ और सोचा की अपने आंसुओं को कैंडल मार्च के रूप में आक्रोश में बदलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से महिला सुरक्षा की उम्मीद करना बेमानी है। लेकिन एक नागरिक के तौर पर इस बेहद संवेदनशील मामले में एकजुट होकर आवाज उठाना जरूरी है। इससे पूर्व सैकडों की संख्या में उपस्थित लोगों ने मणिपुर घटना के विरोध में कैंडल मार्च निकाला तथा केंद्र सरकार से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की।
इस मौके पर समाजसेवी माइकल सैनी ने कहा हिंदुस्तान अब महिलाओं का अपमान नहीं सहेगा। सरकार को तुरंत कठोर कदम उठाना चाहिए। वहीं लोकसभा प्रभारी मुकेश डागर ने मणिपुर सरकार को भंग करके तुरंत प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाने की मां की। महिला नेत्री सुशीला कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात मॉडल का ढिंढोरा पीटते है और मणिपुर में उनकी भाजपा सरकार ने गुजरात मॉडल का नमूना पेश कर दिया। अनुराधा शर्मा ने कहा कि मणिपुर 3 महीने से जल रहा है, लोगों के घर उजड़ रहे हैं, महिलाएं अपमानित हो रही हैं और प्रधानमंत्री विदेश में फोटो खिंचवाने में मगन है। कैंडल मार्च में धीरज यादव, सतबीर यादव, मीनू सिंह, अंजलि राही, मंजू सांखला, वीणा हंस, सचिन शर्मा, पारस जुनेजा, सिद्धांत गुप्ता, हरि सिंह चौहान, शत्रुंजय, चिराग, निखिल कालरा, निखिलेश, सरबजीत, नितिन बत्रा, मनिंदर, संतोख सिंह आदि ने घटना पर रोष प्रकट किया। इस मार्च का हिस्सा बनकर सामाजिक और सामान्य लोगों ने भी अपने दर्द का इजहार किया।