सीटू जिला कमेटी, आगामी 17 जनवरी को उपायुक्त कार्यालय फरीदाबाद के सम्मुख जोरदार प्रदर्शन करके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपेगी। इस आंदोलन का ऐलान सी.आई.टी.यू, एन.सी.आर. वर्कर कोर्डिनेशन कमेटी ने किया है। यह जानकारी सीटू जिला कमेटी के प्रधान निरंतर पराशर, सेक्रेटरी वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने संयुक्त रूप से दी। इसलिए आज फरीदाबाद के विभिन्न कारखानों में हैंडबिल भी वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि उद्योग विहार ग्रेटर नोएडा में जेसीबी मशीन का उत्पादन करने वाली मानिताऊ इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की फ्रांस की बहुराष्ट्रीय कंपनी है। इस कंपनी में पिछले दो वर्षों ठेका श्रमिकों ने आंदोलन करके बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की। इस कारखाने में रेगुलर मजदूर कम है। जबकि ठेका श्रमिक 225 है।
कारखाना प्रबंधन ने काम की कमी बात कर 3 जनवरी 2024 को 31 ठेका मजदूरों को बिना किसी लिखित नोटिस के काम पर लेने से रोक लगा दी। इसके विरोध में मजदूरों ने कारखाने के सामने धरना प्रदर्शन किया। मैनेजमेंट ने गुंडा तत्वों की सहायता से मजदूरों पर जान लेवा हमला कर दिया। जिसमें कई मजदूरों को चोंटें आई। और गौतम बुद्ध नगर के सीटू जिला अध्यक्ष कामरेड गंगेश्वर को भी गंभीर चोंटें मारी गई। जैसा कि ठेका मजदूर आज सरकार की नीतियों की वजह से और मालिकों तथा ठेकेदारों के हाथों से सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित है।
इन ठेका श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं जैसे समान काम के लिए समान वेतन, अनियमित वेतन भुगतान, ईएसआई एवं प्रोविडेंट फंड, सालाना बोनस, ग्रेजुएटी, छुट्टियों इत्यादि का लाभ नहीं मिलता है। इन मांगों को लेकर सीटू की यूनियनें लगातार संघर्ष करती रहती हैं। लेकिन मालिक बुनियादी सुविधाओं को नहीं देना चाहते। इस कंपनी में भी मजदूरों पर इसी तरह के अत्याचार हो रहे थे। जब मजदूर अपनी न्यायोचित मांगों के लिए आंदोलन चलाते हैं। तब मालिक इसी तरह के हथकंडे अपनाते हैं।
इस कंपनी में भी इसी तरह की घटना को मालिकों ने अंजाम दिया। सरकार और मालिकों द्वारा उत्पादन में पक्के मजदूरों की घटती संख्या और ठेका मजदूरों की बढ़ती संख्या इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाये जा रहे चार नए लेबर कोड्स इस शोषणकारी व्यवस्था को और मजबूत करने वाले हैं। सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों का मजदूरों को डटकर विरोध करना होगा। इसी को मध्य नजर रखते हुए मानिताऊ कारखाने से काम से हटाए गए श्रमिकों की बहाली, और 4 जनवरी 2024 को मजदूरों, और उनके नेताओं पर किए गए जान लेवा हमले के दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने और सथाई काम पर लगे ठेका मजदूरों के लिए समान काम के लिए समान वेतन देने जैसी सभी प्रकार की सुविधा लागू करने की मांगों को लेकर और श्रमिक विरोधी चार लेबर कोडस को रद्द करने की मांग को लेकर सीटू आंदोलन को तेज करेगी।