जिले में कड़ाके की ठंड और जहरीली हवाओं के डबल अटैक ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। बृहस्पतिवार को लगातार दूसरे दिन हवा बहुत खराब श्रेणी में रही। फरीदाबाद का गुणवत्ता सूचकांक 311 दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग साढ़े छह गुना अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 10 और अधिकतम तापमान सामान्य से आठ डिग्री कम 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इससे दिन में लोगों को कंपकपाती ठंड से जूझना पड़ा। दूषित हवा के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई और ह्दय रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मौजूदा समय में फरीदाबाद समेत आसपास के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान करीब 23 डिग्री सेल्सियस तक रहनी चाहिए। इसे दिन का समान्य तापमान माना गया है। वहीं रात में 11-12 डिग्री सेल्सियस को समान्य माना जाता है। लेकिन दक्षिण-पश्चिम की ओर से करीब तीन किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं के चलते तापमान के तापमान पर असर पड़ रहा है। लिहाजा दिन का तापमान समान्य से करीब आठ डिग्री सेल्सियस कम रहा। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिन में ठंड से बचने के लिए जगह-जगह लोग अलाव जलाकर हाथ सेकते नजर आए।
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय स्थित कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि बृहस्पतिवार को हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम होने से लोगों को खूब ठंडक का अहसास हुआ। इससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सुबह के समय कोहरा छाने के साथ दिनभर आसमान में बादल छाए रहे। इसी के साथ मौसम विभाग ने आगामी एक सप्ताह तक मौसम शुष्क रहने की आशंका जताई है। मिली जानकारी के अनुसार उत्तर-पश्चिम की ओर से बफीर्ली हवाएं चलने की भी आशंका है। जिससे आगामी 10 जनवरी तक कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान शीत लहर के चलने की भी आशंका जताई जा रही है।
जहरीली हवा से लोग बेहाल
हालांकि तीन दिन पहले हवा चलने से एक्यूआई थोड़ा कम हुआ था, लेकिन अब इसमें धीरे-धीरे फिर से वृद्धि होने लगी है। बृहस्पतिवार को फरीदाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 दर्ज किया गया। शहर के अलग-अलग क्षेत्र की बात करें तो एनआईटी क्षेत्र सबसे प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 398 दर्ज किया गया। वहीं, सेक्टर 16 क्षेत्र में 376, सेक्टर 30 क्षेत्र में 158 एक्यूआई दर्ज किया गया।
साइलेंट किलर की तरह काम करता है प्रदूषण
वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ. सिम्मी मनोचा ने बताया कि प्रदूषण व्यक्ति के शरीर में साइलेंट किलर की तरह काम करता है। हवा में मौजूद पीएम 2.5 के जहरीले कण हार्ट अटैक और फेफडों की बीमारी को काफी बढ़ा देते हैं। इस मौसम में बुजुर्ग, डायबिटीज ग्रस्त और हृदय रोगी सबसे ज्यादा चपेट में आते हैं।
पीएम2.5 और पीएम10 स्तर में प्रत्येक 10 माइक्रोग्राम से हृदय संबंधी मृत्यु दर लगभग दो गुनी कर दी जाती है। पांच से 10 साल तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से युवाओं को हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ह्दय रोगियों के लिए यह मौसम बहुत खतरनाक है।