एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने नगर निगम में होम गार्ड Office में तैनात एक क्लर्क और चपरासी को ढाई हजार रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी एक होम गार्ड की रिज्यॉनिंग करवाने के नाम पर रिश्वत की मांग कर रहे थे। परेशान होम गार्ड ने मामले की शिकायत कर दी। इस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ब्यूरों की टीम ने सोमवार को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। ब्यूरो की टीम दोनों से पूछताछ कर पता लगाने का प्रयास कर रही है कि वे अब तक कितने लोगों से और कब कब रिश्वत ले चुके हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने दोनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
नंगला एन्कलेव में रहने वाले विशाल वर्मा ने एंटी करप्शन ब्यूरों की दी शिकायत में कहा है कि वह काफी समय से होमगार्ड का काम कर परिवार का गुजारा चला रहा है। हर बार 89 दिन पूरे होने के बाद नौकरी में ब्रेक देकर दोबारा से ज्यॉनिंग की जाती है। हर बार की तरह इस बार भी पिछले दिनों 89 दिन पूरे होने पर उसे ब्रेक दे दिया गया था। कुछ दिनों के बाद वह दोनों ज्यॉनिंग करने के लिए नगर निगम मुख्यालय परिसर में स्थित होम गार्ड कार्यालय में गया था। वहां तैनात क्लर्क बिजेंद्र और चपरासी जितेंद्र पाहवा उसे दोबारा रिज्यॉनिंग देने के बदले में रिश्वत की मांग करने लगे। दोनों आरोपी उससे ज्यादा रुपयों की मांग कर रहे थे।
लेकिन काफी मिन्नते करने के बाद दोनों ढाई हजार रुपये की रिश्वत के बदले में रिज्यॉनिंग देने के लिए तैयार हो गए। बाद में रुपये लाने की बात कह कर उसने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों से शिकायत कर दी। उन्होंने आरोपियों को दबोचने के लिए टीम गठित कर दी।जिसके बाद उसे पाउडर लगे नोट देकर दोनों के पास भेज दिया गया। उसने दोनों को रुपये देने के बाद टीम को इशारा कर दिया। तभी ब्यूरों की टीम ने छापा मारकर दोनों को रंगे हाथों दबोच लिया। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर पूछताछ की जा रही है।