आजादी के अमृत महोत्सवकीश्रृंखला में सूचना जनसंपर्क भाषा एवं संस्कृतिविभाग के सौजन्य सेरविवार सांय को सेक्टर-12 स्थितएचएसवीपी कन्वेंशन हॉल में नि:शुल्क विश्व विख्यात जादूगरसम्राटशंकरद्वाराजादुईशोका आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन का शुभारंभ तिगांव विधायक राजेश नागर, सरपंच वेद प्रकाश अधाना और सरपंच विक्रम प्रताप नागर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। विश्व विख्यात जादूगर सम्राट शंकर द्वारा विभिन्न प्रकार के जादुई शो प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर तिगांव विधायक राजेश नागर ने कहा कि हमारे हरियाणा के ओजस्वी मुख्यमंत्री मनोहर लाल के द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के सौजन्य सेजादू के शो के द्वारा हरियाणा सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। जादू का शो एक मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि एक सामाजिक संदेश देने का एक प्रभावी तरीका भी है। चार दिवसीय जादूई शो के समापन अवसर पर जिला फरीदाबाद, सेक्टर-12 स्थित एचएसवीपी कन्वेंशन हॉल में दर्शकों की खूब भीड़ उमड़ी।
जादूगर सम्राट शंकर द्वारा प्रस्तुत किए गए रंगीन इंद्रजाल, हवा में तैरती लड़की, अमेरिका की एलोजेन, ट्विस्टिंग लेडी, वाटर ऑफ इंडिया, मीना बाजार, मिस 2023, ड्रेस चेजिंग, ड्रिंकिंग मिल्क आदि जादूई कारनामे देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं। रविवार के सायंकालीन सत्र के साथ ही गत चार दिनों से प्रतिदिन दिखाए जा रहे जादूगर सम्राट शंकर के जादूई शो का समापन हो गया। जादूगर सम्राट शंकर ने जिला प्रशासन, पुलिस, मीडिया कर्मियों सहि तफरीदाबाद के लोगों व बच्चों का आभार व्यक्त किया।
जादूगर सम्राट शंकर संसार के चार प्रमुख जादूगरों में से एक हैं। उन्होंने देश-विदेश में अब तक करीब 28 हजार जादूई शो आयोजित किए हैं, जिनमें से लगभग 23 हजार जादूई शो उन्होंने चैरिटी जैसे-रैडक्रॉस, सूनामी पीड़ितों की सहायता हेतु, सीएम रिलिफ फंड, कारगिल कोष आदि के लिए किए। जादूगर सम्राट शंकर को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत जादूई शो दिखाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का धन्यवाद किया।
जादूगर सम्राट शंकर सरकार के सहयोग से एक एकेडमी तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं, जहां पर जादूकला के गुर सिखाए जा सकें, ताकि विलुप्त होती जादुई कला को सजो कर रखा जा सके। उन्होंने जादू सिखने के लिए कई शिष्य भी तैयार किए हैं। इस अवसर पर अधिक संख्या में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, युवा भी मौजूद रहे।