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फरीदाबाद। गुरूग्राम में कोरोना का एक मामला सामने आने से स्वास्थ्य मुख्यालय सक्रिय हो गया है। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रणदीप सिंह पूनिया ने बीके में कोरोना के लिए चालू किए गए आॅक्सीजन प्लांट के फंड की कमी के कारण बंद होने और स्टाफ व एमडी मेडिसिन स्पेशलिस्ट की कमी को देखते हुए व्यवस्थाओं ंका जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी, आईसीयू और अस्थायी अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने इमरजेंसी में अव्यवस्था देखकर आरएमओ डॉ.रोहित गौड़ व अन्य स्टाफ नर्स की ड्यूटी बदलने के आदेश दिए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विनय गुप्ता, प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. सविता यादव, उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रचना शर्मा, डॉ. राजेश श्योकंद, डॉ.एमपी सिंह, डॉ. मान सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बंद आक्सीजन प्लांट पर मांगा स्टीमेंट
जहां एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर फरीदाबाद से सटे हुए गुरूग्राम जिले में आ चुकी है, वहीं दूसरी तरफ बीके सिविल अस्पताल में मौजूद आॅक्सीजन प्लांट डिस्टिल्ड वॉटर की कमी के कारण बंद है। ऐसे में यदि यहां कोरोना के रोगियों की संख्या बढ़ती है, तो आने वाले समय में परेशानियां हो सकती है। बंद पडेÞ हुए एक हजार लीटर क्षमता वाले आॅक्सीजन प्लांट को उन्होंने चलवाकर देखा। इस दौरान पीएमओ ने बताया कि डिस्टिल्ड वॉटर की कमी की वजह से आॅक्सीजन शुद्ध नहीं हो पा रही है। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने उसका एस्टीमेट बनाकर भेजने के आदेश दिए। आॅक्सीजन प्लांट के बाद उन्होंने बादशाह खान अस्पताल के द्वितीय तल पर स्थित आईसीयू वॉर्ड का निरीक्षण किया। उन्होंने अपने सामने वेंटिलेटर चलवाकर देखा। चिकित्सकों को वेंटिलेटर को शुरू करने में काफी परेशानी हुई। इस पर डॉ.रणदीप सिंह पूनिया ने कहा कि सख्त लहजे में कहा कि मॉकड्रिल केवल नाम के लिए होती है। उन्होंने आॅक्सीजन कंसनट्रेटर के बारे में भी जानकारी जुटाई।
अपातकालीन कक्ष में मिली अव्यवस्था
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने जहां एक तरफ यहां मौजूद आईसीयू वार्ड में वेंटिलेटर तक चिकित्सक चालू नहीं कर सके, वहीं दूसरी तरफ उन्हें अपातकालीन कक्ष में अव्यवस्थाएं देखने को मिली। जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए रोगियों की समस्याओं को देखकर आरएमओ डॉ. रोहित गौड़ को भी जवाब तलब किया। इस पर उन्होंने डॉ. रोहित गौड़ को इमरजेंसी से हटाने के लिए कहा और किसी जिम्मेदार चिकित्सक की ड्यूटी लगाने के लिए कहा। इसके अलावा एक स्टाफ नर्स को भी इमरजेंसी से हटाने के आदेश दिए। वहीं पत्रकारों द्वारा कोरोना की आरटीपीसीआर जांच के लिए किट नहीं होने पर डॉ. रणदीप सिंह पूनिया ने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के पर्याप्त संख्या में आरटीपीसीआर किट है और गुरुग्राम स्थित वेयर हाउस से किट मंगवाने के आदेश दिए। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग केपास पिछले छह महीने से कोरोना जांच के लिए आरटीपीसीआर और रैपिड एंटीजन किट नहीं है। वहीं उन्होंने आईसीयू वार्उ में वेंटिलेटर आॅपरेटर की भर्ती के लिए भी कहा।