फरीदाबाद। दौड़ते या खेलते समय सांस फूलने और चेस्ट पेन हो बिल्कुल नजरअंदाज न करें। ऐसा करने से आपकी जान खतरे में पड़ सकती है। हाल में ही मुंबई हुए मैराथन में दो लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुंबई मैराथन का हिस्सा बने ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल के आर्थोपेडिक एंड स्पोर्ट्स इंजरी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. राकेश कुमार ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन एवं विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि मुंबई मैराथन में करीब 60 हजार लोगों ने हिस्सा लिया।
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दौड़ते खेलते समय कोई समस्या
जिसमें 40 वर्षीय और 74 वर्षीय दो धावकों की मौत हो गई। मैं खुद भी दौड़ता हूं और स्पोर्ट्स इंजरी स्पेशलिस्ट हूं तो मुझे पता है दौड़ते या खेलते समय क्या इंजरी का चांस होते हैं। यदि कोई दौड़ते खेलते समय कोई समस्या होती है तो एक बार अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं। दौड़ते भागते समय यदि सांस फूल रही है या घुटने या कंधे में दर्द हो रहा है तो जरूर डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि जब इंजरी काफी बढ़ जाएगी तो उसे ठीक करना आसान नहीं होता है।
कॉम्प्लिकेशन के चांस अधिक
कार्डियक वर्कअप बहुत महत्वपूर्ण है, जो भी रनअप है उन्हें दो साल में एक बार जरुर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। सर्दियों में खासकर जैसे दिल्ली में तापमान 5-6 है और मुंबई में तापमान 27 है। इस बदलते तापमान में खुद को ढालने के लिए दौड़ में शामिल से दो-तीन दिन पहले जाना चाहिए। जिससे वह पूरी तरह उस तापमान में ढल सकें। अचानक से बदलने वाला तापमान बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जब तक बॉडी अर्जेस्ट नहीं होगी तो कॉम्प्लिकेशन के चांस अधिक हैं। यही वजह है कि मुंबई मैराथन में 40 और 74 वर्षीय धावक की मौत हो गई।
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