देश रोज़ाना: हरियाणा का सबसे चर्चित कांड गोपाल कांडा पर एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) रेड हुई है। ईडी की टीम ने सुबह 6 बजे घर और एयरला इंस कंपनी MDLR ऑफिस पहुंच गई। जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उनके यहां जांच की गई और बड़ी संख्या में उनके डॉक्यूमेंट खंगाले जा रहे हैं।
हरियाणा की लोकहित पार्टी के मुखिया गोपाल कांडा सिरसा के विधायक है। गोपाल कांडा हरियाणा लोकहित पार्टी के मुखिया हैं। हरियाणा की BJP और जजपा की गठबंधन सरकार को वे बाहर से समर्थन दे रहे हैं। उनके भाई गोविंद कांडा भाजपा में हैं। कुछ दिन पहले ही कांडा बहुचर्चित गीतिका एयरहोस्टेस सुसाइड केस से बरी हुए थे।
बरी होने के बाद CM मनोहर लाल से दिल्ली जाकर मुलाकात की। गोपाल कांडा को हरियाणा सरकार में मंत्रीपद मिल सकता है। कांडा खुद भी इसके इच्छुक बताए जा रहे हैं लेकिन अब अचानक केंद्रीय एजेंसी ED की रेड पड़ गई। फिलहाल गोपाल कांडा या ED की तरफ से इस रेड को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री व विधायक गोपाल कांडा करोड़पति हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में दाखिल एफिडेविट के मुताबिक कांडा के पास करीब 70 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। सिरसा में करीब ढाई एकड़ में उन्होंने अपना महल बनवा रखा है जिसके अंदर हेलिकॉप्टर उतरने तक की सुविधा उपलब्ध है। इस महल की कीमत करोड़ों में है। गोपाल कांडा के पिता मुरलीधर कांडा की पृष्ठभूमि RSS की थी। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले गोपाल कांडा ने दसवीं तक पढ़ाई की है।
आज कांडा का गोवा में बिग डैडी नाम से कैसीनो चलता है। उन्हें गोवा का कैसीनो किंग भी कहा जाता है। एक समय कांडा का कैसीनो गोवा में समुद्र के अंदर खड़े रहने वाले शिप पर चलता था। गोपाल कांडा की कंपनी मैसर्स गोल्डन ग्लोब होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के इस शिप में उनका कैसीनो रियो चलता था। यह शिप गोवा की मंडोवी नदी में खड़ा रहता था।कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओमप्रकाश चौटाला की अगुवाई में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की सरकार थी। उस समय कांडा INLD सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे।
चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा (अब HSVP) का प्रशासक लग गया। उससे दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाटों की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। चौटाला सरकार में कांडा के राजनेताओं से अच्छे संबंध बन गए।
यह वो दौर था जब गुरुग्राम तेजी से डवलप हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कार्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस डवलपमेंट का जमकर फायदा मिला।