मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में पलवल से पांच वर्षीय शौर्य आया था। जिसका चारा काटने की मशीन में आने से दाहिने हाथ का अंगूठा कट गया था। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के एच ओ डी डॉ. कावेश्वर घुरा ने बताया कि ठीक से जांच के बाद सर्जरी कर बच्चे के अंगूठे को जोड़ दिया। सर्जरी के बाद बच्चे के हाथ का अंगूठा फिर से सामान्य रूप से कार्य कर रहा है। पूरी तरह स्वस्थ होने पर बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है। अगर समय रहते इलाज न होता तो बच्चे को आगे चलकर पढने-लिखने व अन्य कार्यों को करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। डॉ. कावेश्वर घुरा ने बताया कि यह केस काफी चुनौती पूर्ण था। क्योंकि इतने छोटे बच्चे में इतने आगे से कटे अंगूठे के हिस्से को जोड़ना काफी मुश्किल होता है।
अंगूठा तिरछा कटा हुआ था और इस जगह पर खून की नसें काफी बारीक होती हैं इसलिए अंगूठे के कटे हिस्से को जोड़ने में काफी मुश्किल आई। बच्चे का अंगूठा मैक्सिमम मैग्निफिकेशन में भी माइक्रोस्कोप से सबसे बारीक धागे से भी काफी मुश्किल से रिपेयर हुआ है। सर्जरी में लगभग पांच घंटे का समय लगा। सर्जरी सफल रही। Operation के बाद बच्चे के अंगूठे ने सामान्य रूप से काम करना शुरू कर दिया है।
ध्यान दें:
ऐसी कोई घटना हो जाए तो मरीज को कटे हुए अंग के साथ तुरंत हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। लगभग छह घंटे के अन्दर डॉक्टर के पास पहुंच जाना चाहिए। कटे अंग को सबसे पहले साफ पानी से धोना चाहिए और तुरंत ही कटे अंग को साफ पोलीथिन में डाल लें। फिर उस पोलीथिन को बर्फ में डाल लेना चाहिए, इस से डॉक्टर को अंगको जोड़ने का समय मिल जाता है। ध्यान रहें कटे अंग को बर्फ के सीधे संपर्क में न रखें क्योंकि बहुत गर्म और बहुत ठंडा दोनों इसे नुकसान पहुंचाते हैं।