पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर शनिवार को 10 और किसानों ने आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया, जिसके बाद अनशन पर बैठने वाले किसानों की कुल संख्या 121 हो गई है। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने जानकारी दी कि खनौरी सीमा पर तीन दिन पहले 111 किसानों ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में अनशन शुरू किया था और अब 10 और किसान उनकी राह पर चलने के लिए आमरण अनशन पर बैठ गए हैं।
इन किसानों ने कहा कि वे किसान नेता डल्लेवाल से प्रेरित हैं, जो किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे डल्लेवाल द्वारा दिखाए गए संघर्ष के रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं, क्योंकि वे किसानों के लिए बलिदान देने के इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं।
इस बीच, आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत में और गिरावट आई है। उनका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगड़ता जा रहा है। किसान नेता काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि डल्लेवाल की हालत में गंभीर गिरावट आई है और वह देर रात से उल्टियां कर रहे हैं। डॉक्टर उनकी सेहत की नियमित जांच कर रहे हैं। कोटड़ा ने यह भी बताया कि डल्लेवाल के समर्थन में तीन दिन पहले अनशन पर बैठने वाले 111 किसानों में से एक, बादल पुत्र गुरप्रीत की तबीयत भी बिगड़ी। उसे खून की उल्टियां आईं और उसे चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया। बादल की हालत में सुधार होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करने की कोई आवश्यकता नहीं पाई गई।
यह आंदोलन खनौरी बॉर्डर पर कई दिनों से जारी है, जहां किसान नेता डल्लेवाल की हालत लगातार बिगड़ रही है, लेकिन उनके समर्थक इस संघर्ष को जारी रखने के लिए दृढ़ हैं। किसानों का यह आंदोलन उनके अधिकारों की रक्षा और कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहा है। किसान नेताओं का कहना है कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
किसान नेताओं ने यह भी कहा कि वे सरकार से किसी भी तरह की दया की उम्मीद नहीं रखते, बल्कि उनका उद्देश्य अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना और किसानों की आवाज को दबने नहीं देना है।