हरियाणा में लगातार प्रकृति आपदाओं के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है। बर्बाद हुई फसल के नुकसान से बचने के लिए सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर किसानो को पंजीकरण कराने के लिए कहा है। जिले में कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी गांव-2 जाकर योजना का प्रचार-प्रसार कर किसानो को फसल बीमा कराने के लिए जागरुक किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा किसानो की भलाई के लिऐ खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली फसलो के बीमा के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है। जिसका बीमा कराने की आज आख़री तारीख है।
इस योजना से जुडने की प्रक्रिया सरल है और कोई भी किसान अपनी फसल का बीमा करा सकता है। वही बारिश, तापमान, पाला, नमी आदि जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इस योजना का लाभ किसानो को दिया जाता है। फसल बीमा कराने के लिऐ बीमा प्रस्ताव पत्र, जमीन की फर्द की प्रति, फसल बुआई का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक की फोटो कापी आवश्यक दस्तावेज है। जिन किसानो के पास किसान क्रेडिट कार्ड है उनका बीमा बैंक के माध्यम से होता है तथा अबीमित किसान अपनी फसल का बीमा सी. एस. सी. के माध्यम से करा सकते है। अधिक जानकारी के लिऐ किसान किसान टोल फ्री न. 18001501551 पर या निकट कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर मदद ले सकते है।
उपकृषि निदेशक डॉ अनिल कुमार ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ में धान, बाजरा, मक्का, कपास की फसलो का बीमा कराया जाता है, जिसमें बीमा राशि में किसान के हिस्से के साथ केंद्र सरकार 2 प्रतिशत तथा हरियाणा सरकार 1.5 प्रतिशत अपनी ओर से जमा कराती है। वर्ष 2023-24 के लिए जिला नूंह में फसलो की प्रति हैक्टेयर बीमा प्रीमियम में किसान द्वारा कपास के लिए 246.49 रूपये, धान के लिए 1927.42 रूपये , बाजरा के लिए 929.12 रूपये व मक्का के लिए 988.42 रूपये में बीमा कराना निर्धारित किया गया है।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा. अजीत सिंह ने किसानो को फसल बीमा से मिलने वाले लाभो के बारे में बताते हुऐ कहा कि किसान की फसल प्रकृति पर निर्भर रहती है तथा प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानो को अपनी फसल खराब होने की समस्या से जूझना पडता है। किसानो की इन्ही समस्याओ के मध्यनजर रखते हुऐ सरकार द्वारा इस योजना का चलाया जा रहा है, इसमें किसानो से छोटी सी बीमित राशि लेकर हरियाणा सरकार केन्द्र सरकार से वित्तिय सहायता प्राप्त कर फसल खराब होने पर फसल अनुसार एक निर्धारित राशि किसान सहायता स्वरुप बीमा कम्पनी से दिलाती है। खरीफ फसल में इस योजना की पंजीकरण की अन्तिम तिथि आज 31 जुलाई 2023 है। इसलिए सभी किसान समय रहते अपनी फसलो का बीमा अवश्य कराये।
एसडीओ डा. अजीत सिंह ने बताया कि फसल बीमा योजना का क्लेम लेने के लिऐ किसानो को फसल खराब होने की स्थिति में सबसे पहले 72 घंटे के अन्दर-2 कृषि विभाग को जानकारी देनी होती है। उन्होंने बताया कि इस आवेदन में फसल का प्रकार, क्षेत्र तथा कितनी फसल खराब हुई है, ब्यौरे के साथ बीमा पॉलिसी की फोटोप्रति कार्यालय में जमा करानी होती है, जिसके आधार पर कृषि विभाग व बीमा कम्पनी मौके पर फसल खराब का सत्यापन करके किसानो को उसके नुकसान का उचित मुआवजा डी.बी.टी. के माध्यम से दिलवाती है।