एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में जीएसटी विभाग में तैनात एक इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरों की टीम ने इंस्पेक्टर के सहायक को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी जीएसटी वैरिफाई करने के बदले में पीड़ित व्यक्ति पर रिश्वत देने का दबाव बना रहे थे।एंटी करप्शन ब्यूरो ने दोनों आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक शहर में रहने वाले एक व्यक्ति ने इस मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने कहा थाकि वह शहर में अपना व्यवसाय चलाते हैं। उन्होंने बिजनेस के लिए जीएसटी नंबर भी लिया हुआ है।
वह अपने नंबर के जीएसटी का समय पर भुगतान करते हैं। हर बार की तरह इस बार भी उन्हें अपनी कंपनी का जीएसटी भरना था । जिसमें कुछ दिक्कत आ रही थी। ऐसे में उन्होंने जीएसटी में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात विक्रम और उसके सहायक से सम्पर्क किया।
इंस्पेक्टर विक्रम जीएसटी वैरिफाइ करने के बदले में मोटी रकम की मांगकर रहा था। पैसे लिए बिना वह काम करने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। काफी मिन्नते करने के बाद वह 15 हजार रुपये लेकर जीएसटी वैरिफाइ करने के लिए तैयार हो गया। सौदा तय हो जाने के बाद उन्होंने मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को दे दी। उन्होंने टीम गठित करने के बाद पाउडर लगे नोट देकर उन्हें विक्रम के पास भेज दिया। उन्होंने विक्रम और सहायक को रुपये देने के बाद बाहर खड़ी टीम को इशारा कर दिया। तभी ब्यूरो की टीम ने छापा मारकर इंस्पेक्टर विक्रम और उसके सहायक कोरंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों को एंटी करप्शन ब्यूरो के कार्यालय में ले जाकर मामला दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी।