देश रोज़ाना: हरियाणा में पिछले 9 सालों से अनिल विज स्वास्थ्य विभाग का काम संभाल रहे है। लेकिन 5 अक्टूबर से एक भी फाइल का काम अनिल विज नहीं देख रहे है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कि अनिल विज अब स्वास्थ्य विभाग छोड़ सकते है। ऐसे में सबके मन में एक ही सवाल है आखिर क्यों ? अनिल विज ने एक आदेश दिया था जिसपर काम ना होने के कारण अनिल विज नाराज हो गए।
गौरतलब है कि 23 अक्तूबर को 372 जांच अधिकारियों के निलंबन का आदेश दिया गया था। इस आदेश के बाद निलंबन की फाइल डीजीपी शत्रुजीत कपूर के पास पहुंची और 25 अक्तूबर को उन्होंने आदेश पर मुहर लगाई और इसे सभी एसपी को भेज दिया लेकिन गुरुवार दोपहर तक गृह मंत्री के पास निलंबन को लेकर कोई रिपोर्ट नहीं आई।
अनिल विज ने 372 जांच अधिकारियों के निलंबन का आदेश दिया था। आदेश देने के तीन दिन बाद भी पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जिसको लेकर प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज नाराज ही गए। डीजीपी, एडीजीपी, आईजी समेत सभी पुलिस आयुक्तों व एसपी को वायरलेस पर अनिल विज ने सख्त निर्देश दिए जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें गुरुवार शाम तक सभी 372 आईओ के निलंबन का आदेश हर हाल में चाहिए। विज ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि निलंबन आदेश के काम में किसी प्रकार की लापरवाही कतई सहन नहीं होगी।
इस मामले में अनिल विज का कहना है कि निलंबन के आदेश खुश होकर नहीं दिए, बल्कि दुखी होकर इस कार्य को किया है। वे खुद लोगों के लिए रात को दो-दो बजे तक जनता दरबार लगाकर पीड़ित लोगों की शिकायतें सुनते हैं, जिनमें से अधिकतर शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित होती हैं। 372 जांच अधिकारियों को निलंबित करने की इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार देश में हुई है। मेरी जनता के प्रति जवाबदेही है। मेरे पास गृह विभाग है और लोगों को न्याय मिले, यह मेरा दायित्व भी है।