संजय मग्गू
वैसे तो किसी भी सरकार की सफलता-विफलता परखने के लिए सौ दिन की सीमा रेखा बहुत छोटी है। तीन महीने दस दिन में सरकार ने क्या किया, क्या नहीं किया, उसके कितने वायदे पूरे हुए, इस कसौटी पर कसने के बाद कोई निर्णय देना आसान नहीं है। ऐसा करना वाजिब भी नहीं है। लेकिन इस बात को जरूर आंका जाना चाहिए कि इन सौ दिनों में सरकार ने अपनी भावी रूपरेखा यानी रोडमैप क्या बनाया है? सरकार के रोडमैप से आंका जा सकता है कि सरकार अपने प्रदेशवासियों के लिए क्या करने का मनसूबा बना रही है। जहां तक हरियाणा की सैनी सरकार का संबंध है, उसके बारे में सीएम नायब सिंह सैनी ने सोमवार को ही अपने दूसरे शासनकाल के सौ दिन पूरे होने पर भावी रूपरेखा सामने रख दी है। वैसे हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान संकल्प पत्र और चुनावी रैलियों में सीएम सैनी और उनकी पार्टी ने लगभग 240 तरह के संकल्प या वायदे किए थे। इनमें से 18 संकल्प इन तीन महीनों में पूरे किए जा चुके हैं। सबसे प्रमुख वायदा यह था कि भाजपा सरकार बनते ही सबसे पहले 24 हजार युवाओं की नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह वायदा सीएम सैनी ने उसी तरह निभाया, जैसा उन्होंने कहा था। इससे प्रदेश की जनता में यह संदेश गया कि सीएम सैनी ने जो कहा था, उस पर वह खरे उतरे। अब जहां तक रोडमैप की बात है। सैनी ने प्रदेश में आईएमटी खरखोदा की तर्ज पर दस अति आधुनिक औद्योगिक शहर बसाने की घोषणा की है। किसी भी प्रदेश में जितने ज्यादा उद्योग-धंधे होते हैं, उस प्रदेश की अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय उतनी ही ज्यादा होती है। उस प्रदेश में बेरोजगारी की दर भी कम ही होती है उद्योगों के समानुपात में। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि हरियाणा में गुरुग्राम और फरीदाबाद को छोड़कर बाकी जिलों में उद्योगों का विकास कम हुआ है। जो उद्योग हैं भी, वह इतने बड़े पैमाने पर नहीं हैं कि वह ज्यादा रोजगार सृजित कर सकें। यदि सीएम सैनी प्रदेश में दस अत्याधुनिक औद्योगिक शहर बसाने में सफल हो जाते हैं, तो यह उनकी एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने नारनौल-महेंद्रगढ़ में इंटिग्रेटेड मल्टी माडल लाजिस्टिक हब बनाने की घोषणा की है। इतना ही नहीं, महेंद्रगढ़ में डिफेंस और एयरो-स्पेस हब भी बनाया जाएगा। करनाल में फार्मा पार्क बनाने की योजना सरकार बना रही है। ये योजनाएं बता रही हैं कि प्रदेश सरकारइनके माध्यम से रोजगार सृजन की ओर निरंतर कदम बढ़ाती जा रही है। रोजगार आज का सबसे बड़ा मुद्दा है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का मतलब यह है कि सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है। ज्यादातर समस्याओं की जड़ रोजगार विहीनता ही है। सरकार समस्या की जड़ पर प्रहार करना चाहती है।
विकास की पटरी पर सरपट दौड़ने को तैयार सैनी सरकार
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