इंतजार की घड़ियांं अब समाप्त होने को हैं। मंगलवार को दोपहर 12 बजे तक यह स्पष्ट हो जाएगा कि हरियाणा की राजनीति में किसकी जीत होगी। विधानसभा की सभी 90 सीटों पर मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी, और दोपहर तक यह पता चलेगा कि क्या भाजपा तीसरी बार राज्य में सरकार बनाने में सफल होगी या कांग्रेस एक दशक बाद सत्ता में वापसी करेगी। यदि भाजपा जीतती है, तो यह हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की पहली घटना होगी।
अब तक किसी भी पार्टी ने लगातार तीन बार सरकार नहीं बनाई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता अपनी-अपनी जीत का भरोसा जता रहे हैं। दूसरी ओर, इनेलो का दावा है कि कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर सकेगी और उनकी भूमिका सरकार गठन में महत्वपूर्ण होगी। निर्दलीय उम्मीदवारों पर भी सभी की नजरें होंगी, क्योंकि यदि किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता, तो उनका महत्व बढ़ जाएगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, और अन्य प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के भाग्य का फैसला होना है। कुल 1031 प्रत्याशियों में से कई ऐसे चेहरे हैं, जिन पर सभी की निगाहें हैं, जैसे सावित्री जिंदल, विनेश फोगाट, और रणदीप सुरजेवाला के पुत्र आदित्य सुरजेवाला।
वादों और प्रचार का प्रभाव
भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकी है। भाजपा ने वादा किया है कि यदि उनकी सरकार बनती है तो वे महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये और दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरियाँ देंगे। वहीं, कांग्रेस ने भी मुफ्त वादों का सिलसिला जारी रखा है, जिसमें महिलाओं को 2000 रुपये, सामाजिक पेंशन 6000 रुपये, और 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का आश्वासन शामिल है।
दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने रैलियों और रोड शो के माध्यम से पूरे प्रदेश में अपने विचारों को पहुँचाने की कोशिश की है। भाजपा के पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने कई रैलियां कीं, जबकि कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने भी राज्य में सक्रियता दिखाई।
इस महत्वपूर्ण दिन का परिणाम हरियाणा की राजनीतिक दिशा को निर्धारित करेगा। अब यह देखना होगा कि वादों और प्रचार का मतदाता पर क्या असर पड़ता है।