हरियाणा में इन दिनों प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है। इस बढ़ते प्रदूषण के कारण बच्चों की सेहत को खतरा हो सकता है। इसलिए, हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को यह अधिकार दे दिया है कि वे अपने जिले के स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद कर सकते हैं।
क्या है सरकार का फैसला?
हरियाणा सरकार ने स्कूल शिक्षा निदेशालय के माध्यम से सभी जिलों के उपायुक्तों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि उपायुक्त चाहें तो अपने जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 12वीं कक्षा तक की प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद कर सकते हैं। इन कक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम से चलाया जा सकता है। यह फैसला तब तक लागू रहेगा जब तक कि हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता।
क्यों लिया गया यह फैसला?
यह फैसला बच्चों की सेहत को ध्यान में रखकर लिया गया है। बढ़ते प्रदूषण से बच्चों के फेफड़े और आंखें प्रभावित हो सकती हैं। इससे उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो सकती है और आंखों में जलन भी हो सकती है। इसलिए, बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
क्या केवल 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए ही यह फैसला लागू है?
नहीं, इससे पहले सरकार ने पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए भी ऐसी ही व्यवस्था की थी। यानी पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए भी प्रत्यक्ष कक्षाएं बंद कर दी गई थीं। अब यह फैसला 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए भी लागू कर दिया गया है।
कब तक रहेगा यह फैसला लागू?
यह फैसला तब तक लागू रहेगा जब तक कि हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो जाता। उपायुक्त अपने जिले में हवा की गुणवत्ता की जांच कराएंगे और जब उन्हें लगेगा कि हवा साफ हो गई है, तभी वे स्कूलों को फिर से खोलने के आदेश देंगे।
इस फैसले का क्या असर होगा?
इस फैसले का सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा। अब बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई करनी होगी। हालांकि, यह फैसला बच्चों की सेहत के लिए जरूरी है।
क्या सभी जिलों में स्कूल बंद हो गए हैं?
नहीं, सभी जिलों में स्कूल बंद नहीं हुए हैं। यह फैसला उपायुक्तों पर छोड़ दिया गया है कि वे अपने जिले में स्थिति के अनुसार फैसला लें। कुछ जिलों में हवा की गुणवत्ता खराब है, इसलिए वहां स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं, कुछ जिलों में हवा की गुणवत्ता ठीक है, इसलिए वहां स्कूल खुले रहेंगे।