देश रोज़ाना: हरियाणा के हिसार से नगर निगम के कर्मचारियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाए है। कर्मचारियों ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, हरियाणा मानवाधिकार आयोग और शहरी निकाय विभाग के निदेशक को भेजी है। निगम के 30 से ज्यादा कर्मचारियों ने पत्र पर अपने हस्ताक्षर करके भेजे हैं।
कर्मचारियों ने लिखा है कि पिछले कई महीने से राजपत्रित अवकाश के दिन शनिवार तथा रविवार के दिन भी कार्यालय आदेश जारी करके कार्यालय बुलाया जाता है और न ही इसके बदले प्रतिपूर्ति अवकाश और न ही वेतन भत्ता दिया जाता है। अगर कर्मचारी इसका विरोध करते हैं तो पक्के कर्मचारियों को चार्जशीट और कच्चे कर्मचारियों को रिलीव करने की धमकी दी जाती है।
अधिकारी अपनी मनमर्जी करते हुए सरकार के आदेशों तथा कर्मचारियों के अधिकारों की परवाह न करते हुए लगातार कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं, जिसकी वजह से हमारी पारिवारिक तथा दैनिक दिनचर्चा बहुत प्रभावित हो रही है। कई साथी तो इस प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या तक की बातें करने लगे हैं। अधिकारियों की प्रताड़ना की वजह से लंबे समय से अपने घर तक नहीं जा पाते।
कर्मचारियों ने पत्र में लिखा है कि सरकारी कार्यालय का समय शाम 9 से 5 बजे का होता है, लेकिन अधिकारी कर्मचारियों को रात 6 से 7 बजे तक रोक कर रखते हैं। इसका सबूत निगम कार्यालय में लगे CCTV कैमरे हैं। कई बार कर्मचारी रात होने की वजह से दुर्घटना में घायल हो चुके हैं और महिला कर्मचारी रात होने की वजह से डरती हैं।
कर्मचारियों ने निगम अधिकारियों के 9 आदेशों की प्रतियां भी भेजी हैं। इसमें छुट्टी वाले दिन ही प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन के कैंप, लंबित फाइलों का निपटान, डाटा इंटीग्रेशन का काम करवाने का जिक्र किया गया है। 19 और 20 अगस्त को भी NDC पोर्टल पर लंबित ऑब्जेक्शन के निपटान के लिए कार्य दिवस के लिए भांति कार्यालय में हाजिर होने के आदेश दिए गए।
कर्मचारियों से छुट्टी वाले दिन काम लेने की वजह याशी कंपनी का सर्वे है। अक्टूबर 2022 में याशी कंपनी का सर्वे पूरा हो गया। इसके बाद से इस सर्वे में त्रुटियां मिली। प्रॉपर्टी आईडी इंटीग्रेशन के काम में कर्मचारी कई महीनों से जुटे रहे।