रेवाड़ी। क्लर्कों की हड़ताल जारी है। सरकार से वार्ता फेल हो जाने के बाद यह हड़ताल क्रमिक भूख हड़ताल में बदल चुकी है। मतलब क्लर्क अपनी मांग पर अड़े है, लेकिन सरकार भी झुकने को तैयार नहीं है। आमजन की परेशानी को देखते हुए अब सरकार ने भी उन्हें सबक सिखाने का लगभग मन बना लिया है और वैकल्पिक व्यवस्था शुरू कर दी है, जिससे कार्यालयों में काम-काज लौटने लगा है।
क्लर्कों की हड़ताल से तहसील कार्यालय भी काफी प्रभावित हो रहा था। रोज आने वाला राजस्व समाप्त हो गया था और जनता भी परेशानी हो रही थी, लेकिन सरकार ने अब रजिस्ट्री कराने का लॉग इन तहसीलदारों के नाम कर दिया है, जिससे रजिस्ट्रियां होने लगी है। काम होने से तहसील कार्यालय में भी अब रौनक लौट आई है। वर्तमान में रोजाना 40 से 50 रजिस्ट्रियां हो रही है।
लिपिकों ने 35 हजार 400 के वेतनमान की मांग को लेकर 5 जुलाई से हड़ताल शुरू की थी। हड़ताल से निश्चित रूप से सरकारी कार्यालयों में काम-काज ठप्प हो गया था। सरकार ने लिपिक वर्ग के नेताओं से दो बार वार्ता की, लेकिन असफल रही। हालांकि कर्मचारी नेता यह मान रहे है कि यदि सरकार अपना मंसूबा बताती तो संभवतया किसी बात पर हल हो जाता है, लेकिन इस विषय में वार्ता में आए सरकारी अधिकारियों ने किसी तरह की कोई बात नहीं की। इधर दो बार की वार्ता के बाद सरकार की चुप्पी तथा नो वर्क-नो पेमेंट की घोषणा के बाद कर्मचारियों ने अपना रूख कड़ा करते हुए क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी। इधर लगातार लंबी होती जा रही हड़ताल से आमजन को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था करना शुरू कर दिया है।
अब कार्यालयों में काम होने लगा है। कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत कर्मचारियों का भी एक माह का वेतन मिल चुका है। इसके अलावा अन्य कार्यालय में भी काम पर पटरी पर लौटने लगा है। जानकारी के अनुसार तहसील कार्यालय में भी अब रौनक आ गई है। लिपिकों की हड़ताल के कारण हाथ पर हाथ धरे बैठे डीड राईटर्स की उंगलियां अब कंप्यूटर के की बोर्ड पर चलने लगी है। आरसी के हड़ताल पर होने के कारण बंद पड़ी रजिस्ट्रियां अब शुरू हो गई है। सरकार ने रजिस्ट्री का काम तहसीलदारों को सौंप दिया है। आरसी का लॉग इन बंद करके तहसीलदारों का चालू कर दिया है। सूत्रों की मानें तो वर्तमान में रोजाना 40 से 50 रजिस्ट्रियां हो रही है। आरसी का काम भी स्वंय तहसीलदार कर रहे हैं, जिससे सरकार को भी रोजाना लाखों रुपये का राजस्व मिल रहा है।
क्या कहते है तहसीलदार
तहसीलदार श्रीनिवास का कहना है कि आमजन की परेशानी को देखते हुए सरकार ने आरसी का लॉग इन बंद कर दिया है तथा उनके लिए लॉग इन शुरू कर दिया है। अब वह स्वंय रजिस्ट्रियों का काम देख रहे है। उन्होंने कहा कि रोजाना करीब 40 से 50 रजिस्ट्रियां हो रही है। रजिस्ट्रियां शुरू होने से आमजनता की भी परेशानी समाप्त हो गई है।