फरीदाबाद में जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी में प्रशासन के खिलाफ फैकल्टी एसोसिएशन द्वारा दिया जा रहा धरना तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। एसोसिएशन सदस्य सुबह से लेकर देर शाम तक ठंडी हवाओं का सामना करते हुए वीसी कार्यालय के सामने बैठे हुए हैं।
एसोसिएशन सदस्यों की मुख्य मांग विश्वविद्यालय में यूजीसी मानदंडों और राज्य सरकार के नियमों के अनुसार पदोन्नति लागू करना है। मई 2023 में यूजीसी की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति के 13 मामलों और दिनांक 18.01.2024 को खारिज करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा धरना दिया गया था।
फैकल्टी एसोसिएशन द्वारा प्रशासन को संवैधानिक तरीके प्रतिनिधित्व के बावजूद, प्रशासन अपने एजेंडे पर आगे बढ़ा और कार्यकारी परिषद (ईसी) की 48वीं बैठक में निर्णय पर मुहर लगा दी। ईसी के सदस्यों में जे सी बोस विश्वविद्यालय के कुछ सदस्यों के अलावा अन्य विश्वविद्यालयों के कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद, राज्य सरकार के नामित व्यक्ति और हरियाणा के राज्यपाल के नामित व्यक्ति शामिल हैं।
आज विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की 49वीं बैठक आयोजित की गई जिसमें तेरह सदस्यों के रिजेक्शन पर अंतिम मोहर लगाई गई। एसोसिएशन को इसकी पहले से ही आशंका थी। फैकल्टी सदस्यों के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए आज आयोजित उसी ईसी बैठक में पदोन्नति के तीन और मामलों को खारिज कर दिया गया।
इस घटनाक्रम पर संकाय सदस्यों ने कुलपति के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिए क्योंकि अब पदोन्नति की अस्वीकृति के कुल सोलह मामले हैं (तीन आज जोड़े गए)। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दोहराया है कि प्रशासन निरंकुश तरीके से कार्य कर रहा है और विश्वविद्यालय में कानून के शासन के प्रति बहुत कम सम्मान रखता है। संकाय संघ के अध्यक्ष द्वारा यह घोषणा की गई कि मांगें पूरी होने तक धरना 19.01.2024 से प्रत्येक दिन फैकल्टी सदस्यों द्वारा पांच पांच के बैच में भूख हड़ताल के साथ अनिश्चित काल तक चलेगा।