झज्जर में सरकारी पोर्टल पर फैमिली आईडी के साथ छेड़छाड़ करने का एक बड़ा मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में एडीसी विभाग के क्रीट विभाग के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक विभाग का कार्यालय प्रमुख, योगेश, भी है। दिलचस्प बात यह है कि योगेश ने खुद ही बीते 11 नवम्बर को पुलिस में शिकायत दी थी कि विभाग की फैमिली आईडी पोर्टल से छेड़छाड़ हो रही है और कुछ लोग इसे हैक कर अपने निजी स्वार्थ के लिए उपयोग कर रहे हैं।
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच जिले की साइबर सैल को सौंप दी। पुलिस की साइबर सैल ने मामले की गहरी छानबीन की और तकनीकी साक्ष्यों को ध्यान से देखा। जैसे-जैसे जांच बढ़ी, पुलिस को शक होने लगा कि मुख्य आरोपी योगेश ही हो सकता है, जिसने खुद शिकायत की थी। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले योगेश को हिरासत में लिया।
गिरफ्तारी के बाद, योगेश ने अपना अपराध स्वीकार किया और यह बताया कि इस पूरे मामले में उसके साथ विभाग के जोनल हेड अमित कुमार और ऑपरेटर विकास भी शामिल थे। इन तीनों ने मिलकर सरकारी पोर्टल के साथ छेड़छाड़ की थी। पुलिस ने इनके कब्जे से पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए।
एसीपी धर्मबीर ने इस पूरे मामले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया और उन्हें तीन दिनों के रिमांड पर लिया है। रिमांड के दौरान पुलिस को आरोपियों से और भी महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। एसीपी ने यह भी कहा कि अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि तीनों आरोपी इस घटनाक्रम में पूरी तरह से शामिल थे। इसके साथ ही, यह भी सामने आया कि योगेश ने अपनी भूमिका को छिपाने के लिए पुलिस को धोका देने की कोशिश की थी और इसी कारण उसने खुद ही शिकायत दर्ज करवाई थी।
इस मामले ने यह भी दिखा दिया कि सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारी भी अपनी सत्ता और अधिकार का दुरुपयोग करने से नहीं चूकते। पुलिस की जांच अब भी जारी है और मामले में और खुलासे की उम्मीद है।