कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा (Kumari Selja: )ने सोमवार को हरियाणा में नशे की लत के बढ़ते संकट पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि राज्य के 22 जिलों में से 13 जिले इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित हैं। सिरसा से सांसद सैलजा ने आरोप लगाया कि पंजाब और राजस्थान की सीमा से सटे हरियाणा के क्षेत्रों में मादक द्रव्यों का दुरुपयोग अधिक हो रहा है। उन्होंने हिसार, सिरसा, भिवानी-महेंद्रगढ़, अंबाला और कुरुक्षेत्र जिलों को विशेष रूप से प्रभावित क्षेत्रों के रूप में उल्लेखित किया। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े करनाल, सोनीपत, फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे निर्वाचन क्षेत्रों में भी मादक पदार्थों की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है।
Kumari Selja: हरियाणा को बताया मादक पदार्थों की तस्करी का प्रमुख केंद्र
सैलजा ने कहा कि हरियाणा, जो कभी दूध और दही के लिए प्रसिद्ध था, अब नशे की समस्या से जूझ रहा है। उन्होंने कहा, “आंकड़े इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं। राज्य के 22 जिलों में से 13 जिले मादक द्रव्यों के दुरुपयोग से बुरी तरह प्रभावित हैं और मादक पदार्थों की तस्करी के प्रमुख केंद्र बन चुके हैं। सरकार इस मुद्दे पर निष्क्रिय रही है। अगर सरकार ने समय पर कार्रवाई की होती, तो मादक पदार्थों के तस्कर इस भूमि पर काम नहीं कर पाते।”
‘कांग्रेस ने बार-बार सरकार को चेताया’
सैलजा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर पहला कदम राज्य को नशा मुक्त बनाने की दिशा में काम करना होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने बढ़ते नशे के खतरे के कारण हरियाणा को उड़ता हरियाणा बना दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार को बार-बार चेताया, लेकिन नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सरकार राहगीरी, सरकारी उत्सव और बाइक सफारी जैसे आयोजनों में व्यस्त रही है।”
सरकार को हरियाणा के युवाओं की कोई चिंता नहीं: सैलजा
सैलजा ने यह भी कहा कि आज सरकार का स्वापक नियंत्रण ब्यूरो मानता है कि राज्य के 22 में से 13 जिले गंभीर नशे की गिरफ्त में हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में विदेशों से मादक पदार्थों की तस्करी हो रही है। सैलजा ने आरोप लगाया कि केवल 13 जिले ही नहीं, बल्कि पूरा प्रदेश नशे का अड्डा बन चुका है और सरकार को हरियाणा के युवाओं की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में राज्य मादक पदार्थ, अपराध और बेरोजगारी का केंद्र बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सिरसा में युवा नशे की अधिक खुराक के कारण मर रहे हैं और सिंथेटिक ड्रग्स अब शहरों से गांवों तक पहुंच चुका है। सैलजा ने नशा मुक्ति केंद्रों की स्थिति और मनोचिकित्सकों की कमी पर भी चिंता जताई।
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